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यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूस पर गंभीर आरोप लगाए, शांति वार्ता जारी

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पिछले सप्ताह में रूस ने यूक्रेन पर कई ड्रोन हमले और मिसाइलें दागी हैं। उन्होंने बताया कि इन हमलों का सबसे अधिक असर ओडेसा क्षेत्र में पड़ा है, जहां कई लोग मारे गए हैं। जेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय सहायता की भी बात की और कहा कि अमेरिका के साथ युद्ध समाप्त करने के लिए बातचीत चल रही है। जानें इस संघर्ष की पूरी कहानी और शांति प्रयासों के बारे में।
 

यूक्रेन के राष्ट्रपति का रूस पर आरोप


कीव : अमेरिका और यूरोप रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए प्रयासरत हैं। हाल ही में, डोनाल्ड ट्रंप के विशेष प्रतिनिधि ने दोनों देशों के साथ वार्ता की, जिसे सकारात्मक बताया गया। इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।


जेलेंस्की ने कहा कि पिछले सप्ताह में रूस ने यूक्रेन पर लगभग 1300 ड्रोन हमले, 1200 गाइडेड बम और 9 मिसाइलें दागी हैं। इन हमलों का सबसे अधिक प्रभाव दक्षिणी क्षेत्रों और ओडेसा पर पड़ा है। यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, ओडेसा में शुक्रवार रात हुए हमले में 8 लोगों की जान गई और 27 लोग घायल हुए। एक बंदरगाह क्षेत्र को निशाना बनाकर की गई मिसाइल हमले से बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई।


आम नागरिकों पर हमले

जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर कहा कि रूस की बमबारी और ड्रोन हमले आम नागरिकों के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं, लेकिन यूक्रेन की आपात सेवाएं स्थिति को सामान्य करने में लगी हुई हैं। उन्होंने बताया कि यूक्रेन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिल रहा है। यूरोपीय परिषद ने 2026-27 के लिए 90 अरब यूरो की वित्तीय सहायता मंजूर की है। इसके अलावा, नॉर्वे और जापान ने भी सहायता पैकेज की घोषणा की है। पुर्तगाल के साथ समुद्री ड्रोन के संयुक्त उत्पादन का समझौता भी हुआ है।


शांति वार्ता की प्रक्रिया

जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन और अमेरिका के बीच युद्ध समाप्त करने के लिए बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि रूस पर दबाव और कड़े प्रतिबंध आवश्यक हैं ताकि कूटनीति के माध्यम से सम्मानजनक शांति की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके। रूस ने भी संकेत दिया है कि अमेरिका के साथ बातचीत 'रचनात्मक' माहौल में चल रही है। हालांकि, जमीनी हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि युद्ध किसी के लिए लाभकारी नहीं होता और आक्रामकता का परिणाम अंततः उसी देश को भुगतना पड़ता है।