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यूक्रेन संकट: जेलेंस्की की चिंता और ट्रंप का नया रुख

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस द्वारा युद्धविराम की अपीलों को ठुकराने पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि मास्को की जिद से शांति प्रक्रिया जटिल हो रही है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अस्थायी युद्धविराम की बजाय स्थायी शांति समझौते की आवश्यकता पर जोर दिया है। जेलेंस्की ने ट्रंप से बातचीत के बाद स्थायी शांति की आवश्यकता को रेखांकित किया। वहीं, पुतिन के प्रस्ताव को जेलेंस्की ने खारिज कर दिया है। यूरोपीय देशों में ट्रंप के रुख को लेकर चिंता बढ़ रही है।
 

जेलेंस्की की चिंता

Zelensky-Putin: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस द्वारा युद्धविराम की मांगों को लगातार अस्वीकार करने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि मास्को की जिद के कारण शांति प्रक्रिया और भी जटिल होती जा रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर दिए गए अपने बयान में जेलेंस्की ने कहा कि रूस ने कई बार युद्धविराम की अपीलों को ठुकराया है और यह स्पष्ट नहीं है कि वह कब तक हत्याएं रोकने का निर्णय लेगा। इससे स्थिति और भी गंभीर हो रही है।


ट्रंप का बदला रुख

युद्धविराम के लेकर ट्रंप का बदला रुख

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर अपने दृष्टिकोण में बदलाव करते हुए अस्थायी युद्धविराम की मांग को दरकिनार कर दिया है। शुक्रवार को पुतिन के साथ शिखर वार्ता के बाद उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे भीषण युद्ध को समाप्त करने का सबसे प्रभावी तरीका एक स्थायी शांति समझौता है। उन्होंने कहा कि युद्धविराम समझौते अक्सर विफल हो जाते हैं। यह उनके पहले के रुख के विपरीत है, जब उन्होंने युद्धविराम को प्राथमिकता दी थी।


जेलेंस्की का बयान

जेलेंस्की का बयान

ट्रंप से फोन पर बातचीत के बाद जेलेंस्की ने कहा कि केवल युद्ध रोकना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि स्थायी शांति और सुरक्षा की गारंटी भी दी जानी चाहिए। उन्होंने मास्को से अपहृत बच्चों की वापसी और कब्जे वाले क्षेत्रों से रूसी सेना की वापसी को अनिवार्य शर्त बताया। जेलेंस्की ने कहा कि आग बुझानी होगी और हत्याएं रुकनी चाहिए।


पुतिन का प्रस्ताव

पुतिन का प्रस्ताव और जेलेंस्की का विरोध

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक प्रस्ताव रखा है, जिसके अनुसार यूक्रेन को डोनबास क्षेत्र से हटना होगा। इसके बदले में रूस खेरसॉन और जापोरीज्जिया में अपनी अग्रिम पंक्तियां स्थिर कर देगा। लेकिन जेलेंस्की ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि डोनबास पर नियंत्रण छोड़ना भविष्य में रूस के लिए नए हमलों की भूमिका बना सकता है।


यूरोपीय देशों की चिंता

ट्रंप की समझौता पर यूरोपीय देशों की चिंता

ट्रंप ने मीडिया से बातचीत में जेलेंस्की को समझौता करने की सलाह दी और रूस को एक बड़ी शक्ति करार देते हुए यूक्रेन को कमजोर बताया। इस बयान के बाद यूरोपीय देशों में चिंता बढ़ गई है कि ट्रंप कहीं जेलेंस्की पर पुतिन के प्रस्ताव को मानने का दबाव न बना दें। मीडिया के अनुसार ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं को बताया कि पुतिन कुछ रियायतें देने को तैयार हैं, लेकिन उन्होंने इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं दी।


अलास्का में ट्रंप-पुतिन मीटिंग

अलास्का में ट्रम्प-पुतिन मीटिंग और शिखर सम्मेलन की तैयारी

अलास्का में हुई ट्रंप-पुतिन शिखर वार्ता में कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया। हालांकि पुतिन ने मीटिंग को बहुत उपयोगी बताया और कहा कि यह वार्ता भविष्य के निर्णयों की नींव रखती है। एक वरिष्ठ रूसी राजनयिक ने इसे महत्वपूर्ण आधारशिला बताया, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि पुतिन जेलेंस्की से सीधे मिलने को तैयार हैं या नहीं।


नई सुरक्षा गारंटी पर चर्चा

अमेरिका से नई सुरक्षा गारंटी पर चर्चा

सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका ने यूक्रेन को गैर-नाटो अनुच्छेद 5 शैली की सुरक्षा गारंटी देने का प्रस्ताव रखा है, जिस पर पुतिन के साथ भी चर्चा की गई। यह गारंटी यूक्रेन को सामूहिक रक्षा के समान सुरक्षा दे सकती है, बिना उसे नाटो में शामिल किए। जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि शांति प्रक्रिया में यूक्रेन की भागीदारी अनिवार्य है और कोई भी निर्णय थोपे नहीं जा सकते। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी मुद्दों, खासकर क्षेत्रीय मुद्दों, में यूक्रेन को शामिल किया जाना चाहिए।