×

योगी आदित्यनाथ का छांगुर बाबा पर सख्त बयान: संपत्ति जब्त करने की चेतावनी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ धर्मांतरण के आरोपों पर सख्त बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आरोपी को ऐसी सजा दी जाएगी जो समाज के लिए मिसाल बनेगी। एटीएस की रिपोर्ट में छांगुर के गिरोह के 18 सदस्यों का जिक्र है, जिनमें से 4 की गिरफ्तारी हो चुकी है। जानें इस मामले में और क्या जानकारी सामने आई है और सरकार की क्या योजनाएँ हैं।
 

मुख्यमंत्री का कड़ा संदेश

छांगुर बाबा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ धर्मांतरण के आरोपों पर गंभीर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि आरोपी को ऐसी सजा दी जाएगी जो समाज के लिए एक उदाहरण बनेगी। सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि उनकी सरकार बहन-बेटियों के सम्मान और सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि जलालुद्दीन की गतिविधियाँ न केवल समाज के लिए हानिकारक हैं, बल्कि राष्ट्र के लिए भी खतरा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार कानून-व्यवस्था में किसी प्रकार की ढील नहीं बरतेगी।


संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया

सीएम ने स्पष्ट किया कि आरोपी और उसके गिरोह से जुड़े सभी अपराधियों की संपत्ति को जब्त किया जाएगा और उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बलरामपुर में छांगुर की संपत्ति पर बुलडोजर चलाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में शांति, सौहार्द और महिलाओं की सुरक्षा में बाधा डालने वालों के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्हें कानून के अनुसार ऐसी सजा दी जाएगी जो समाज के लिए एक मिसाल बनेगी। यह प्रतिक्रिया तब आई है जब बलरामपुर में जलालुद्दीन के मकान पर बुलडोजर चलाया गया। एटीएस ने धर्मांतरण मामले में छांगुर बाबा को गिरफ्तार किया है, उस पर 100 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग और धर्मांतरण का आरोप है।


एटीएस की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

एटीएस की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि छांगुर के धर्मांतरण गिरोह में 18 सदस्य शामिल हैं। अब तक छांगुर समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 14 की तलाश जारी है। इनका संबंध गोंडा, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, औरैया और पुणे से है।

यह गिरोह तहसीलों और कचहरियों में अपनी जड़ें फैला चुका था। उतरौला में तालाब पर कब्जा करने और पुणे में 16 करोड़ रुपये की जमीन खरीदने की योजना बनाई गई थी। सीजेएम कोर्ट के क्लर्क की पत्नी को इस गिरोह में भागीदार बनाया गया था। यह गिरोह देश विरोधी गतिविधियों और अवैध धर्मांतरण की साजिशों में लिप्त था। हालांकि, एटीएस की कार्रवाई ने छांगुर गिरोह की योजनाओं को विफल कर दिया।