योगी आदित्यनाथ का बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्मारक का उद्घाटन
मुख्यमंत्री का उद्घाटन समारोह
Bahraich News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्मारक का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर उनके साथ सहयोगी ओम प्रकाश राजभर भी उपस्थित रहेंगे। बहराइच में महाराजा सुहेलदेव की एक भव्य प्रतिमा बनाई गई है, जिसमें उन्हें भाले के साथ और धनुष कंधे पर लिए हुए दर्शाया गया है। यह 40 फीट ऊंची प्रतिमा घोड़े पर सवार है, जिसका उद्घाटन योगी आदित्यनाथ करेंगे, जो एक महत्वपूर्ण संदेश देने वाला होगा। आइए जानते हैं कि बीजेपी के लिए यह स्मारक इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
बीजेपी के लिए स्मारक का महत्व
उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल की लगभग तीन दर्जन विधानसभा सीटों पर राजभर मतदाताओं की संख्या अधिक है। योगी सरकार इस वर्ग में एक सकारात्मक संदेश देने की योजना बना रही है। बहराइच में चित्तौरा झील के किनारे यह स्मारक स्थल बनाया गया है, जिसकी लागत लगभग 39.49 करोड़ रुपये है। इस स्मारक की स्थापना की मांग एनडीए के सहयोगी दल सुहेलदेव पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने लंबे समय से की थी। अब यह स्मारक तैयार हो चुका है।
राजनीतिक दृष्टिकोण
राजनीतिक दृष्टिकोण से, महाराजा सुहेलदेव को राजभर समाज का नायक माना जाता है। बीजेपी इस स्मारक के माध्यम से राजभर मतदाताओं को यह संदेश देना चाहती है कि पार्टी उनके असली हितों की रक्षा करती है। यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम माना जा रहा है, जिससे राजभर मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने की कोशिश की जा रही है।
महाराजा सुहेलदेव की ऐतिहासिक भूमिका
जानकारी के अनुसार, बहराइच में सैय्यद सालार मसूद गाजी के आक्रमण के समय महाराजा सुहेलदेव ने उन्हें युद्ध में पराजित किया था। जब बहराइच में सैय्यद सालार मसूद गाजी के नाम पर मेले की अनुमति नहीं दी गई, तब से बीजेपी इस बात को बार-बार दोहराती है कि किसी आक्रांता के नाम पर आयोजन की अनुमति नहीं दी जा सकती। अब बहराइच में महाराजा सुहेलदेव की 40 फीट ऊंची घोड़े पर सवार प्रतिमा स्थापित की गई है।
पूर्वांचल में राजभर मतदाता
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में कई विधानसभा सीटें हैं, जहां राजभर मतदाताओं की संख्या अधिक है। इनमें वाराणसी, गोरखपुर, गाजीपुर, बलिया, सलेमपुर, घोसी, लाल गंज, आजमगढ़, बस्ती, जौनपुर, देवरिया, कुशीनगर, रॉबर्ट्स गंज, चंदौली, डुमरियागंज, अम्बेडकर नगर और सीतापुर शामिल हैं। इनमें से कई स्थानों पर राजभर मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं।