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योगी आदित्यनाथ के वन्देमातरम अनिवार्य करने पर पूर्व सांसद डॉ एसटी हसन की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में वन्देमातरम को अनिवार्य कर दिया है। इस पर पूर्व सपा सांसद डॉ एसटी हसन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने वन्देमातरम के विरोध के पीछे के कारणों और जिन्ना के प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद को इस्लाम से जोड़ना गलत है और सरकार को आतंकवादियों को सख्त सबक सिखाना चाहिए।
 

मुख्यमंत्री का निर्णय और डॉ एसटी हसन की टिप्पणी


मुरादाबाद :- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में प्रार्थना सभा में वन्देमातरम को अनिवार्य कर दिया है। इस पर पूर्व सपा सांसद डॉ एसटी हसन ने कहा कि मुसलमान पिछले 150 वर्षों से वन्देमातरम का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि किसी मुसलमान ने जनगण मन का विरोध नहीं किया है। वन्देमातरम का विरोध केवल इस कारण से है कि इसमें भूमि की पूजा की जा रही है।


डॉ एसटी हसन ने कहा कि हम अपनी मातृभूमि के लिए जान देने को तैयार हैं, लेकिन पूजा नहीं कर सकते क्योंकि हमारा धर्म इसकी अनुमति नहीं देता। यदि वन्देमातरम में पूजा का तत्व नहीं होता, तो हम इसे पढ़ने में कोई आपत्ति नहीं रखते।


जिन्ना पर टिप्पणी

जिन्ना का प्रभाव:


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर कि भारत में जिन्ना जैसी सोच को पनपने नहीं दिया जाएगा, डॉ एसटी हसन ने सहमति जताई। उन्होंने कहा कि जिन्ना ने न केवल देश को बल्कि मुसलमानों को भी बहुत नुकसान पहुँचाया है। अब हमें अपने ही देश में पराया महसूस कराया जा रहा है।


आतंकवाद और उसकी जिम्मेदारी

डॉ एसटी हसन ने आतंकवाद के मुद्दे पर कहा कि लोग इसे इस्लाम से जोड़ने की कोशिश करेंगे, जबकि इस्लाम निर्दोषों की हत्या को सख्त मना करता है। उन्होंने सरकार से अपील की कि आतंकवादियों को ऐसा सबक सिखाया जाए कि वे इसे अपनी अगली पीढ़ी को भी याद दिला सकें।


बाबा बागेश्वर की यात्रा पर टिप्पणी

डॉ एसटी हसन ने बाबा बागेश्वर की यात्रा को राजनीतिक बताते हुए कहा कि यह केवल एक बहाना है। उन्होंने कहा कि बाबा बागेश्वर शायद योगी आदित्यनाथ का मुकाबला करना चाहते हैं, लेकिन हर कोई उनकी जगह नहीं ले सकता।