योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, चार अधिकारियों को बर्खास्त किया
भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्तगी
लखनऊ। योगी सरकार ने समाज कल्याण विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते चार जिला समाज कल्याण अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। उप्र लोक सेवा आयोग ने भी इनकी बर्खास्तगी को मंजूरी दे दी है। इनमें से कुछ मामलों की फाइलें पिछले डेढ़ दशक से लंबित थीं। इसके अलावा, तीन सेवानिवृत्त अधिकारियों से सरकारी धन की वसूली के साथ उनकी पेंशन में स्थायी कटौती करने का आदेश भी दिया गया है। समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण ने सभी मामलों में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
बर्खास्त अधिकारियों की पहचान
बर्खास्त किए गए अधिकारियों में श्रावस्ती की पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी मीना श्रीवास्तव, मथुरा के करुणेश त्रिपाठी, हापुड़ के संजय कुमार ब्यास और शाहजहांपुर के राजेश कुमार शामिल हैं। मीना श्रीवास्तव वर्तमान में भदोही में तैनात थीं, जबकि अन्य तीन निलंबित चल रहे थे।
भ्रष्टाचार के मामलों की जांच
मीना श्रीवास्तव ने मार्च 2008 से अप्रैल 2012 तक श्रावस्ती में कार्य करते हुए मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के तहत आवेदनों को बिना उचित स्वीकृति के डाटा फीडिंग की। इसके अलावा, उन्होंने छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि में भी हेरफेर किया।
मथुरा के करुणेश त्रिपाठी ने अनियमित तरीके से छात्रवृत्ति का भुगतान किया, जिससे 2.53 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता हुई। हापुड़ के संजय कुमार ब्यास ने छात्रवृत्ति के 2.74 करोड़ रुपये सीधे शिक्षण संस्थाओं के खातों में भेज दिए। शाहजहांपुर के राजेश कुमार ने भी अपात्रों को लाभ पहुंचाया।
वसूली और पेंशन में कटौती
इसके अलावा, सेवानिवृत्त अधिकारियों से भी वसूली की जाएगी। उदाहरण के लिए, औरैया के श्रीभगवान से 20 लाख रुपये की वसूली की जाएगी और उनकी पेंशन में 10 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। मथुरा के विनोद शंकर तिवारी से 1.96 करोड़ रुपये की वसूली के साथ उनकी पेंशन में 50 प्रतिशत की कटौती का निर्देश दिया गया है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई जारी
समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरुण ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने यह भी बताया कि अन्य लंबित मामलों में भी जल्द ही कार्रवाई की जाएगी और एफआईआर दर्ज की जाएगी।