रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को दोगुना करने की योजना
रक्षा मंत्रालय की नई पहल
नई दिल्ली: भारत सरकार ने अगले पांच वर्षों में अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) के लिए 32,766 करोड़ रुपए के व्यय का प्रस्ताव रखा है। पिछले एक दशक में, आरएंडडी में अधिकांश निवेश हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड जैसे पुराने रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) द्वारा किया गया है। हालांकि, अन्य डीपीएसयू में भी अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के प्रयास जारी हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को 16 डीपीएसयू के वार्षिक प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे।
राजनाथ सिंह ने पहले 2025 को 'सुधारों का वर्ष' घोषित किया था, जिसमें उन्होंने रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के लिए नई तकनीक के विकास, निर्यात और स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने डीपीएसयू से अनुसंधान एवं विकास में निवेश और मानव संसाधन बढ़ाने का आह्वान किया।
रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में एक प्रेस नोट में बताया कि सभी डीपीएसयू ने अगले पांच वर्षों के लिए अपने अनुसंधान एवं विकास का रोडमैप तैयार कर लिया है। पिछले 10 वर्षों में, 16 डीपीएसयू ने अनुसंधान एवं विकास में कुल 30,952 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
इसके अलावा, आयुध निर्माणी बोर्ड के निगमीकरण के बाद स्थापित सात नए डीपीएसयू आरएंडडी में 3,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करेंगे, जबकि रक्षा शिपयार्ड ने 1,300 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश की योजना बनाई है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस इवेंट के दौरान पिछले 10 वर्षों में किए गए आरएनडी प्रोजेक्ट्स का संकलन और अगले पांच वर्षों का योजना दस्तावेज जारी किया जाएगा। इसके साथ ही, एचएएल का नया आरएनडी मैनुअल भी लॉन्च किया जाएगा, जो अनुसंधान और विकास परियोजनाओं में लचीलापन, गति, जोखिम मूल्यांकन और आवंटन को सुनिश्चित करेगा। केंद्रीय मंत्री अक्षय ऊर्जा पर 'स्वयं' शीर्षक से एक रिपोर्ट भी जारी करेंगे, जो सभी 16 डीपीएसयू की ऊर्जा दक्षता प्रथाओं का संकलन करेगा।
2024-25 में डीपीएसयू का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में निर्यात में 51 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कुल कारोबार 1.08 लाख करोड़ रुपए रहा, जो 2023-24 की तुलना में 15.4 प्रतिशत अधिक है। डीपीएसयू ने 2024-25 में 20,021 करोड़ रुपए का संचयी कर-पश्चात लाभ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 19.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए डीपीएसयू को सम्मानित किया जाएगा और महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान भी होगा।