रांची में आतंकवादी साजिश का खुलासा: बम बनाने का कारखाना और कट्टरपंथी गतिविधियाँ
रांची में आतंकवादी साजिश का खुलासा
रांची आतंकवादी साजिश: झारखंड की राजधानी रांची के इस्लामनगर क्षेत्र से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पुरानी और संकरी इमारत में भारत के खिलाफ एक भयावह साजिश का निर्माण किया जा रहा था। एक साधारण होटल के कमरे नंबर 15, जिसका दरवाज़ा पहले चटकीला पीला था, अब गंदगी से भरा हुआ है, और बाहर पड़ी चप्पलें इस सच्चाई को छिपा रही हैं। पूरी खबर आपको हैरान कर देगी।
बम बनाने की गुप्त फैक्ट्री
वास्तव में, पिछले कुछ महीनों से रांची के इस्लामनगर में एक कमरे में अशहर दानिश, जो सरकारी नौकरी के लिए SSC की परीक्षा की तैयारी कर रहा था, ISIS के लिए बम बना रहा था। इस चौंकाने वाले रहस्य का खुलासा तब हुआ जब दिल्ली पुलिस ने एक अन्य आतंकवादी, आफताब कुरैशी को गिरफ्तार किया। आफताब की पूछताछ और अन्य राज्यों में की गई छापेमारी के बाद, दिल्ली पुलिस और झारखंड की एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने एक संयुक्त ऑपरेशन चलाया।
इस ऑपरेशन में दानिश सहित एक दर्जन से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। सूत्रों के अनुसार, इस आतंकवादी मॉड्यूल का उद्देश्य न केवल बम बनाना और भर्ती करना था, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाने की योजना भी थी। कमरे से बारूद, बम, पोटेशियम नाइट्रेट की बड़ी मात्रा और हस्तनिर्मित हथियार बरामद किए गए। ये विस्फोटक यहीं बनाए गए और सुबर्णरेखा नदी के किनारे इनका परीक्षण किया गया।
पोटेशियम नाइट्रेट और 'मदर ऑफ शैतान'
पोटेशियम नाइट्रेट, जिसे 'सॉल्टपीटर' भी कहा जाता है, एक रासायनिक यौगिक है जो उर्वरकों में उपयोग होता है और बारूद बनाने में काम आता है। यह सफेद क्रिस्टलीय पाउडर सांस या निगलने पर खतरनाक हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि कमरे से विभिन्न आकार और तीव्रता के विस्फोटक बरामद हुए, जिनमें PETN (पेंटाएरिथ्रिटोल टेट्रानाइट्रेट) और एसीटोन पेरोक्साइड जैसे खतरनाक बम शामिल थे, जिन्हें आतंकवादी जगत में 'मदर ऑफ शैतान' के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा, हथियारों का एक बड़ा जखीरा भी मिला।
भर्ती और कट्टरपंथ का केंद्र
कमरा नंबर 15 केवल बम बनाने की फैक्ट्री नहीं, बल्कि भर्ती और कट्टरपंथ का अड्डा भी था। सूत्रों के अनुसार, दानिश पिछले साल यहां आया था और एक पाकिस्तानी हैंडलर ने सोशल मीडिया के माध्यम से उसे कट्टरपंथी बनाया। इसके बाद, दानिश ने दूसरों को भर्ती करना शुरू किया। भर्ती और कट्टरपंथ की प्रक्रिया सिग्नल मैसेजिंग ऐप के जरिए चल रही थी, जो एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन प्रदान करता है। 'इंटर्न इंटरव्यू' या 'बिजनेस आइडिया' जैसे सामान्य नामों वाले ग्रुप बनाए गए थे, ताकि गतिविधियों को छिपाया जा सके।
फंडिंग और ऑनलाइन खरीदारी
इन ग्रुपों का इस्तेमाल फंड जुटाने के लिए भी किया गया, जिससे बम बनाने की सामग्री खरीदी गई। चाकू और रसायन अमेजन से ऑर्डर किए गए, और दानिश को उसके पाकिस्तानी हैंडलर ने विस्फोटक बनाने की तकनीक सिखाई। इस मॉड्यूल के अन्य सदस्यों में सुफियान खान, मोहम्मद हुजैफ यमन और कमरान कुरैशी शामिल हैं, जिनके धार्मिक स्थलों पर हमले की योजना थी।