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राज ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात: शहरी समस्याओं पर चर्चा

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच हालिया मुलाकात ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। यह मुलाकात BEST क्रेडिट सोसाइटी चुनावों में ठाकरे की हार के बाद हुई, लेकिन ठाकरे ने इसे शहरी यातायात और नियोजन समस्याओं पर चर्चा के लिए बताया। उन्होंने यातायात जाम और पार्किंग की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया और सुझाव दिए कि जनता की भागीदारी आवश्यक है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस मुलाकात को राजनीतिक रंग देने से इनकार किया।
 

राज ठाकरे और मुख्यमंत्री की मुलाकात

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता राज ठाकरे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच हालिया मुलाकात ने राज्य की राजनीतिक स्थिति में हलचल पैदा कर दी है। यह मुलाकात BEST क्रेडिट सोसाइटी चुनावों में ठाकरे के खेमे की हार के एक दिन बाद हुई, जिससे दोनों दलों के बीच संभावित गठबंधन की अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि, राज ठाकरे ने स्पष्ट किया कि यह मुलाकात केवल शहरी नियोजन और यातायात समस्याओं पर चर्चा के लिए थी।


यातायात और शहरी नियोजन पर चर्चा

राज ठाकरे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने कहा कि यह मुलाकात राजनीतिक नहीं थी। इसका मुख्य उद्देश्य मुंबई और अन्य शहरों में यातायात और शहरी नियोजन की समस्याओं का समाधान करना था। उन्होंने कहा, "मैंने और मेरे सहयोगियों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की... विषय था राज्य के सभी शहरों, विशेष रूप से मुंबई में उत्पन्न यातायात की समस्या और इसके कुछ समाधान जो हमने प्रस्तावित किए।"


ट्रैफिक और पार्किंग समस्याओं पर ठाकरे का ध्यान

राज ठाकरे ने आगे कहा, "हम कबूतरों और हाथियों जैसे मुद्दों पर अटके हैं, लेकिन पार्किंग जैसी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे। यातायात जाम सबसे गंभीर समस्या है, और इसे खुले नजरिए से देखने और लंबे समय के समाधानों को लागू करने की जरूरत है।" उन्होंने सुझाव दिया कि जनता की भागीदारी भी आवश्यक है, और यदि लोग यातायात और पार्किंग नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।


अजित पवार का स्पष्टीकरण

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस मुलाकात को राजनीतिक रंग देने से इनकार किया। वर्धा में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, "कई नेता एक-दूसरे और मुख्यमंत्री से मिलते हैं, चाहे वे सत्ता में हों या नहीं। संवाद बनाए रखना राज्य की परंपरा है। इस मुलाकात को राजनीतिक नजरिए से देखने की जरूरत नहीं है।"