राजकुमार सिंह ने भाजपा पर उठाए सवाल, नई पार्टी के गठन का किया प्रस्ताव
भाजपा में असंतोष का इजहार
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह, जिन्हें आरके सिंह के नाम से जाना जाता है, ने अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाते हुए राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। आईएएस बैकग्राउंड से आने वाले सिंह, जो पहले गृह सचिव रह चुके हैं, अब पार्टी के प्रति असंतोष व्यक्त कर रहे हैं। मंगलवार को आरा में आयोजित एक कार्यक्रम में, उन्होंने अपने समर्थकों से नई राजनीतिक पार्टी के गठन पर विचार करने का आग्रह किया, जिससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि वे भाजपा छोड़ने का मन बना सकते हैं।
प्रशांत किशोर के आरोपों पर प्रतिक्रिया
आरके सिंह की नाराजगी का मुख्य कारण जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा भाजपा नेताओं पर लगाए गए गंभीर आरोप हैं। किशोर ने हाल ही में दरभंगा में एक सभा के दौरान उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और जदयू नेता अशोक चौधरी पर भ्रष्टाचार, हत्या के मामलों में संलिप्तता और फर्जी डिग्री जैसे गंभीर आरोप लगाए।
सिंह का स्पष्ट संदेश
सिंह ने इन आरोपों को गंभीर मानते हुए मंगलवार को पटना में पत्रकारों से कहा कि यदि ये नेता ईमानदार हैं, तो उन्हें सार्वजनिक स्पष्टीकरण देना चाहिए, अन्यथा उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा, "ये आरोप पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यदि सबूत हैं, तो मानहानि का केस करें, लेकिन चुप रहना सही नहीं है।"
नई पार्टी के गठन का प्रस्ताव
आरा में क्षत्रिय समुदाय से एकजुटता की अपील
सोमवार से मीडिया के साथ खुलकर बातचीत कर रहे सिंह ने मंगलवार रात आरा के बाबू बाजार में क्षत्रिय कल्याण संगठन के नए कार्यालय के उद्घाटन समारोह में राजपूत समुदाय से एकजुटता की अपील की। अपने भाषण के अंत में, उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए पूछा, "क्या हमें अपनी अलग राजनीतिक पार्टी बनानी चाहिए? आप लोग इस पर विचार करें और मुझे बताएं।" सिंह ने उपस्थित लोगों से यह भी कहा कि जो पार्टी क्षत्रिय समाज के अधिक लोगों को टिकट देगी, हम उसका समर्थन करेंगे।