राजस्थान के चायवाले की अनोखी कहानी: 498A कानून के खिलाफ चाय बेचकर कर रहा है विरोध
चाय की दुकान से कानूनी लड़ाई का अनोखा तरीका
राजस्थान के बारां जिले के अंता कस्बे में एक चायवाले की दुकान इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है, लेकिन इसकी वजह केवल चाय नहीं है, बल्कि उस चायवाले की अनोखी कहानी है। यह कहानी कृष्ण कुमार धाकड़ की है, जो खुद को 498A कानून के 'दुरुपयोग का शिकार' मानते हैं और इस अनोखे तरीके से विरोध कर रहे हैं। उन्होंने अपने ससुराल के क्षेत्र में '498A T कैफ' नाम से चाय की दुकान खोली है, जहां वह हर दिन हथकड़ी पहनकर चाय बेचते हैं।
इस टी स्टॉल के चारों ओर लगे बैनर और पोस्टर पर लिखे नारे हर गुजरने वाले को रुकने पर मजबूर कर देते हैं। 'जब तक नहीं मिलेगा न्याय, तब तक उबलती रहेगी चाय' और 'आओ चाय पर करें चर्चा, 125 में कितना देना पड़ेगा खर्चा' जैसे नारे लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं। उन पर IPC की धाराओं 498A (दहेज प्रताड़ना) और 125 (भरण-पोषण) के तहत केस दर्ज है।
पति की चाय की दुकान की कहानी
कृष्ण कुमार धाकड़ ने 2018 में मीनाक्षी मालव से विवाह किया था। दोनों ने मिलकर मधुमक्खी पालन का व्यवसाय शुरू किया, जिससे कई स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिला। 2021 में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके हनी ब्रांड का उद्घाटन किया था। लेकिन 2022 में मीनाक्षी अचानक अपने ससुराल से मायके चली गई और कुछ समय बाद कृष्ण पर 498A और 125 के तहत केस दर्ज करवा दिए।
कानूनी लड़ाई में सब कुछ खोने का अनुभव
कृष्ण का कहना है कि झूठे केस के कारण उनकी जिंदगी बर्बाद हो गई। पिछले तीन सालों से वह कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं। उनकी बूढ़ी मां उन पर निर्भर हैं और वह खुद एक टिन शेड में रहते हैं। कई बार आत्महत्या का विचार भी आया, लेकिन मां का सहारा याद आया। वह हर सुनवाई के लिए मध्यप्रदेश के नीमच जिले के अठाना गांव से 220 किलोमीटर का सफर तय कर अंता पहुंचती हैं। हर बार अदालत में केवल तारीख मिलती है। अब वह थक चुके हैं, इसलिए उन्होंने तय किया कि जिस जगह उन्हें झूठे केस में फंसाया गया, वहीं चाय बेचकर अपनी लड़ाई लड़ेंगे।
पत्नी का बयान: पैसे मांगे, नहीं दिए तो पीटा
वहीं, मीनाक्षी मालव का कहना है कि उसने अपने पिता से जमीन खरीदने के लिए पैसे मांगे थे। जब उन्होंने मना किया, तो कृष्ण ने मारपीट की। इसलिए वह मायके लौट आई। वह तलाक के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले उनके नाम पर लिए गए सभी कर्ज चुकाए जाएं।
कृष्ण कुमार की यह अनोखी पहल सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो चुकी है। लोग इसे एक आम आदमी की 'शांतिपूर्ण कानूनी जंग' का प्रतीक मान रहे हैं। कुछ इसे साहसिक कदम बता रहे हैं, जबकि कई लोग IPC की धाराओं के दुरुपयोग पर बहस कर रहे हैं।