राजस्थान के डकनिया तालाब रेलवे स्टेशन का नाम होगा "न्यू कोटा"
महत्वपूर्ण नाम परिवर्तन
राजस्थान में रेलवे यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक नई सूचना आई है। राज्य के एक प्रमुख रेलवे स्टेशन का नाम जल्द ही बदलने वाला है। यह स्टेशन हाल के वर्षों में यात्री यातायात का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है, और अब इसे एक नई पहचान मिलने जा रही है। डकनिया तालाब रेलवे स्टेशन, जो दिल्ली-मुंबई रेलवे मार्ग पर स्थित है, अब "न्यू कोटा" के नाम से जाना जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के कार्यालय ने बताया कि केंद्र सरकार ने स्टेशन के नाम परिवर्तन के लिए सैद्धांतिक अनुमति दे दी है। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में 'नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट' (NOC) भी जारी किया है। अब इस प्रस्ताव को संशोधित करने के लिए राजस्थान सरकार को पत्राचार किया गया है। यह नाम राज्य सरकार द्वारा गजट अधिसूचना जारी करने के बाद आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त करेगा। इसके बाद इस बदलाव की जानकारी सर्वे ऑफ इंडिया सहित सभी संबंधित संस्थाओं को दी जाएगी।
कोचिंग हब के निकट स्थित
स्टेशन शहर के कोचिंग हब के पास है
डकनिया तालाब रेलवे स्टेशन कोटा जंक्शन से लगभग 10 किमी की दूरी पर है। यह स्टेशन कोटा शहर के कोचिंग हब के निकट स्थित है और हाल ही में यात्री यातायात में तेजी से वृद्धि देखी गई है। वर्तमान में, इस स्टेशन का पुनर्विकास कार्य 110 करोड़ रुपये की लागत से चल रहा है, जिसके तहत इसे पूरी तरह से आधुनिक रूप दिया जा रहा है। निर्माण कार्य के बाद, यह स्टेशन विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होगा। यहां लूप लाइन, नया कॉनकोर्स, सर्कुलेटिंग एरिया, पार्किंग, लिफ्ट, एस्केलेटर, सौर संयंत्र, डिजिटल डिस्प्ले, CCTV, कोच और ट्रेन इंडिकेशन बोर्ड जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं.
पुनर्निर्माण कार्य की प्रगति
110 करोड़ रुपये की लागत से चल रहा पुनर्निर्माण अभियान
स्टेशन का पुनर्निर्माण लगभग 110 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। निर्माण कार्य पूरा होने पर, यह स्टेशन विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होगा। यहां लूप लाइन, सर्कुलेटिंग क्षेत्र, नए कांकर्स, पार्किंग, लिफ्ट, एस्केलेटर, सौर संयंत्र, सीसीटीवी कैमरे और दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं बनाई जा रही हैं। बताया गया है कि स्टेशन का पुनर्निर्माण कार्य का लगभग 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है। सभी प्लेटफॉर्म को जोड़ने के लिए 36 मीटर चौड़ा एक नया कांकर्स बनाया जा रहा है। समय सीमा पूरी होने के छह महीने बाद भी काम नवंबर 2022 में शुरू हुआ था.