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राजस्थान में दिव्यांग कोटे का फर्जीवाड़ा: 24 कर्मचारी निकले पूरी तरह फिट

राजस्थान में दिव्यांग कोटे के तहत सरकारी नौकरी पाने वाले 29 कर्मचारियों की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इनमें से केवल 5 लोग ही असली दिव्यांग पाए गए, जबकि 24 कर्मचारी पूरी तरह स्वस्थ थे। इस फर्जीवाड़े में मेडिकल बोर्ड की मिलीभगत का भी खुलासा हुआ है। एसओजी अब इस मामले में बड़े जालसाजों को पकड़ने की कोशिश कर रही है। क्या इनकी नौकरी जाएगी या यह मामला भी फाइलों में दफन हो जाएगा? जानें पूरी कहानी।
 

सरकारी नौकरी में दिव्यांगता का बड़ा खुलासा

राजस्थान में सरकारी नौकरी में दिव्यांग कोटे का एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां एक दिव्यांग व्यक्ति सुबह क्रिकेट खेल सकता है, शादी में नाच सकता है और बाइक चलाकर बाजार भी जा सकता है। इस मामले के बाद सरकार ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है।


नई मेडिकल रिपोर्ट से खुली सच्चाई

राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने 29 सरकारी कर्मचारियों के दिव्यांग प्रमाण-पत्रों की दोबारा जांच की। जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की टीम ने जब परीक्षण किया, तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। इनमें से केवल 5 लोग ही असली दिव्यांग थे, जबकि बाकी 24 कर्मचारी पूरी तरह से स्वस्थ थे।


फर्जीवाड़े की श्रेणीवार पहचान

जांच में पता चला कि श्रवण बाधित 13 लोगों ने फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी पाई थी, लेकिन सभी जालसाज निकले। दृष्टि बाधित 8 में से 6 लोग भी फर्जी पाए गए। इसी तरह अन्य दिव्यांगता दिखाकर 8 लोगों ने नौकरी ली थी, जिनमें से 5 फर्जी निकले।


कैसे हुआ ये फर्जीवाड़ा?

जांच में यह भी सामने आया कि मेडिकल बोर्ड की मिलीभगत से नकली प्रमाण-पत्र बनाए गए थे। असली दिव्यांगों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं, जबकि जालसाज सरकारी नौकरी हासिल करने में सफल रहे। अब एसओजी इस मामले में बड़े जालसाजों को पकड़ने की कोशिश कर रही है। लेकिन सवाल यह है कि क्या इनकी नौकरी जाएगी या यह मामला भी फाइलों में दफन हो जाएगा?