राजस्थान में धर्मांतरण विवाद: हिंदू संगठनों का आरोप
धर्मांतरण का मामला
Dausa Conversion Controversy : राजस्थान के दौसा जिले में हिंदू धर्म के अनुयायियों के धर्मांतरण का एक गंभीर मामला सामने आया है। गणेशपुरा रोड पर स्थित अगापे फैलोशिप चर्च पर आरोप लगाया गया है कि यहां हर रविवार को लोगों को जबरन ईसाई धर्म में परिवर्तित किया जाता है।
महिलाओं से धार्मिक प्रतीकों को हटाने का आरोप
हिंदू महिलाओं से सिंदूर और चूड़ियां उतरवाने का आरोप
हिंदू संगठनों ने अगापे फैलोशिप चर्च पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यहां प्रार्थना के दौरान आने वाली महिलाओं से चूड़ियां, सिंदूर और मंगलसूत्र उतरवाने के लिए कहा जाता है। रविवार को चर्च में प्रार्थना के समय विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, आरएसएस और अन्य संगठनों के कार्यकर्ता चर्च के बाहर इकट्ठा हो गए और नारेबाजी करने लगे। उन्होंने 'जय श्री राम' के नारे लगाते हुए चर्च को सील करने और धर्मांतरण में शामिल लोगों की गिरफ्तारी की मांग की।
धर्मांतरण का बड़ा आंकड़ा
4 से 5 हजार लोगों का धर्मांतरण कराया गया!
हिंदू संगठनों का दावा है कि चर्च के पादरी ने पहले हिंदू समुदाय के कुछ प्रतिष्ठित व्यक्तियों का धर्म परिवर्तन कराया और फिर उनके माध्यम से गरीब और निम्न वर्ग के लोगों को लालच देकर चर्च में बुलाया गया। कुछ हफ्तों तक प्रार्थनाएं चलती रहीं, लेकिन बाद में लोगों का ब्रेनवॉश करके कहा गया कि हिंदू देवी-देवताओं में कोई शक्ति नहीं है। इन संगठनों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में इस चर्च के माध्यम से 4 से 5 हजार लोगों का धर्म परिवर्तन किया गया है।
पादरी का खंडन
पादरी ने आरोपों को खारिज किया
चर्च के पादरी थॉमस जॉर्ज ने धर्मांतरण के सभी आरोपों को नकारते हुए कहा है कि पिछले 22 वर्षों से चर्च में प्रार्थनाएं चल रही हैं, लेकिन कभी भी किसी को जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए नहीं बुलाया गया।
पुलिस जांच कर रही है
पुलिस कर रही मामले की जांच
धर्म परिवर्तन की सूचना मिलने के बाद डीएसपी रवि प्रकाश शर्मा, कोतवाली पुलिस और जिला स्पेशल टीम मौके पर पहुंची। पुलिस चर्च में मौजूद लोगों से पूछताछ कर रही है। इसके अलावा, हिंदू संगठनों ने कुछ परिवारों को पुलिस के हवाले किया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि मामले में शिकायत मिली है और जांच जारी है।