राजस्थान में रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण: यात्रा को बनाएगा आसान
राजस्थान में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास
राजस्थान में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य में भारती रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से लोगों की आवाजाही में सुधार हुआ है, जो आर्थिक प्रगति में भी योगदान दे रहा है। इस परियोजना के तहत 172 किलोमीटर लंबे दो रेलवे ट्रैक का निर्माण किया जाएगा। यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता है, तो आने वाले समय में ये ट्रैक यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाएंगे। रेलवे लाइन के दोहरीकरण के साथ-साथ पलसाना से खाटूश्यामजी और सीकर से सालासर रेलवे लाइन का सर्वेक्षण भी चल रहा है, जिसके लिए 1.12 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
रेल लाइन का दोहरीकरण
सीकरवासियों के लिए एक नई सुविधा
सीकर से जयपुर और लोहारू तक रेल यात्रा अब और अधिक सुविधाजनक हो जाएगी। रेलवे इस रूट पर रेल लाइन के दोहरीकरण की प्रक्रिया में है। यदि सब कुछ सही रहा, तो अगले दो से तीन वर्षों में 172 किलोमीटर की दूरी पर दो रेलवे ट्रैक उपलब्ध होंगे, जिससे ट्रेनों की संख्या और यात्री क्षमता में वृद्धि होगी।
आगे की प्रक्रिया
क्या होगा आगे?
वर्तमान में स्थान का सर्वेक्षण किया जा रहा है, जिसके बाद आर्थिक सर्वेक्षण किया जाएगा। सर्वेक्षण की रिपोर्ट दोहरीकरण की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाने का आधार बनेगी। बजट स्वीकृत होने के बाद दोहरीकरण का कार्य शुरू होगा। नवीनतम ट्रैक पर ट्रेन चलाकर इसकी जांच की जाएगी और स्पीड निर्धारित की जाएगी। CSRA की मंजूरी के बाद इस ट्रैक पर ट्रेनें चलने लगेंगी।
शिक्षा और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
शिक्षा को मिलेगा लाभ
रेलवे के दोहरीकरण से शिक्षा नगरी की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। सीकर तक पहुंचने में आसानी से विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। माल की लागत भी कम होगी और मालगाड़ी समय पर पहुंचेगी, जिससे ईंधन की बचत होगी।
श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं
श्रद्धालुओं को मिलेगा लाभ
खाटूश्यामजी के भक्तों को रेलवे लाइन के दोहरीकरण से सबसे अधिक लाभ होगा। ट्रेनों की संख्या बढ़ने से यात्री भार क्षमता में वृद्धि होगी और लंबी दूरी की ट्रेनों में यात्रा का समय कम होगा। रींगस से खाटूश्यामजी रेलवे लाइन की स्थापना के साथ-साथ पलसाना से खाटूश्यामजी रेलवे लाइन का सर्वे भी किया जा रहा है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो हरियाणा और दिल्ली के श्रद्धालुओं को खाटूश्यामजी तक पहुंचने में आसानी होगी।
यात्रा की गति में सुधार
यात्रा की गति बढ़ेगी
रेलवे लाइन के दोहरीकरण से अधिक ट्रेनों का संचालन संभव होगा, जिससे यात्री परिवहन की क्षमता बढ़ेगी और यात्रा का समय कम होगा। आमने-सामने आने पर ट्रेनों को स्टेशन पर क्रॉसिंग करने में 10 से 15 मिनट लगते हैं, लेकिन इस समस्या का समाधान हो जाएगा।