राष्ट्रपति मुर्मू का स्वतंत्रता दिवस संबोधन: आत्मनिर्भरता और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियाँ
राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश
79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान और लोकतंत्र हमारे लिए सर्वोपरि हैं। उन्होंने स्वतंत्रता, न्याय, समानता और बंधुता को इन मूल्यों के चार स्तंभ बताया। आइए जानते हैं राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में और क्या कहा।
ऑपरेशन सिंदूर और जलवायु परिवर्तन
ऑपरेशन सिंदूर और जलवायु परिवर्तन की चुनौती
ऑपरेशन सिंदूर, आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परीक्षण था। इसके परिणामों ने यह सिद्ध कर दिया है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इस ऑपरेशन ने यह स्पष्ट किया कि जब देश की सुरक्षा की बात आती है, तो हमारी सेना किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तत्पर है।
जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें अपनी आदतों और दृष्टिकोण में बदलाव लाना होगा।
समाज में बदलाव
हमारे समाज के एक बड़े हिस्से, जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अन्य समुदाय शामिल हैं, अब हाशिए पर होने का ठप्पा हटा रहे हैं।
शुभांशु शुक्ला की प्रेरणा
शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा ने प्रेरित किया- राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की बेटियाँ हमारे गर्व का प्रतीक हैं। शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा ने एक नई पीढ़ी को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया है।