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राहुल गांधी और चुनाव आयोग के बीच विवाद: क्या है सच?

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर कर्नाटक की एक महिला द्वारा दो बार वोट डालने का आरोप लगाया है, जिसके बाद चुनाव आयोग ने उनसे दस्तावेजों की मांग की है। इस विवाद में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर देश में चुनावों को 'चुराने' का भी आरोप लगाया है। उन्होंने महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में फर्जी मतदाता नामों का उदाहरण दिया। चुनाव आयोग ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए उनसे प्रमाण प्रस्तुत करने को कहा है। जानें इस मामले में क्या हुआ और आगे क्या हो सकता है।
 

राहुल गांधी का गंभीर आरोप

राहुल गांधी बनाम चुनाव आयोग: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक की एक महिला पर दो बार वोट डालने का गंभीर आरोप लगाया है, जिसके बाद चुनाव आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने राहुल गांधी को एक नोटिस भेजकर उनसे उन दस्तावेजों की मांग की है, जिनके आधार पर उन्होंने 7 अगस्त को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह दावा किया था।


राहुल गांधी के आरोपों का संदर्भ

राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार, कर्नाटक की शकुन रानी नाम की महिला ने लोकसभा चुनाव में दो बार वोट डाला। उन्होंने इस दावे के समर्थन में कुछ दस्तावेज भी पेश किए, जिनका दावा था कि वे चुनाव आयोग के डेटा पर आधारित हैं। उनका आरोप था कि महिला के पहचान पत्र पर पोलिंग बूथ अधिकारी के टिक निशान थे, जो यह दर्शाता है कि उसने दो बार मतदान किया।


मुख्य निर्वाचन अधिकारी का नोटिस

कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर उनसे आरोपों का समर्थन करने वाले प्रमाण प्रस्तुत करने को कहा है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि जांच के दौरान शकुन रानी ने बताया कि उसने केवल एक बार वोट डाला है। इसके अलावा, जांच में यह भी सामने आया कि राहुल गांधी द्वारा दिखाया गया टिक-मार्क वाला दस्तावेज मतदान अधिकारी द्वारा जारी नहीं किया गया था, जो उनके दावे के विपरीत है। पत्र में यह भी कहा गया है कि राहुल गांधी से अनुरोध है कि वे प्रासंगिक दस्तावेज उपलब्ध कराएं ताकि मामले की गहन जांच की जा सके।


राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर आरोप

राहुल गांधी बनाम चुनाव आयोग: लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि वह देश में चुनावों को 'चुराने' का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूचियों में फर्जी नाम जोड़े जा रहे हैं और इसके लिए बेंगलुरु सेंट्रल के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची का उदाहरण दिया। उनके अनुसार, 6.5 लाख वोटों में से एक लाख से अधिक फर्जी थे। कांग्रेस के आंतरिक शोध में डुप्लीकेट मतदाता, फर्जी पते, एक ही पते पर कई वोटर और अवैध फोटो वाले मतदाता पाए गए।


महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में विवाद

2024 के चुनाव में महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में कड़ी टक्कर देखने को मिली थी। कांग्रेस उम्मीदवार मंसूर अली खान शुरुआत में आगे थे, लेकिन भाजपा के पीसी मोहन ने करीब 32,707 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने राज्य में सात में से छह सीटें जीतीं, लेकिन महादेवपुरा में हार का कारण वोट चोरी है।


चुनाव आयोग ने खारिज किए आरोप

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए उनसे कहा है कि वे अपने दावों के समर्थन में दस्तावेज प्रस्तुत करें या फिर निराधार आरोप लगाने से बचें। कर्नाटक चुनाव प्राधिकरण ने भी राहुल गांधी से उनके दावों का विवरण और हस्ताक्षरित हलफनामा मांगा है। आयोग ने यह सवाल भी उठाया है कि इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई गई।


इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची पर विवाद

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की आलोचना की कि उसने मतदाता सूचियों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में उपलब्ध नहीं कराया। उनका कहना है कि मशीन-पठनीय डेटा मिलने पर कथित धोखाधड़ी का खुलासा '30 सेकंड' में हो सकता था। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग ने जांच को मुश्किल बनाने के लिए केवल गैर-मशीन पठनीय दस्तावेज उपलब्ध कराए।