राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप: कर्नाटक में वोटों की चोरी का दावा
राहुल गांधी के आरोप
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कर्नाटक में एक लाख वोटों को जानबूझकर हटाया गया है, जिसे उन्होंने वोटों की 'चोरी' के समान बताया। उन्होंने निर्वाचन प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आम मतदाताओं के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। इस पर चुनाव आयोग ने राहुल को एक शपथ पत्र (एफिडेविट) भेजा है, जिसमें उनसे अपने आरोपों की पुष्टि करने के लिए दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने को कहा गया है। आयोग ने चेतावनी दी है कि यदि राहुल गलत साबित होते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
साइन करने या माफी मांगने का दबाव
साइन करें या माफी मांगें
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि राहुल गांधी अपने आरोपों को सही मानते हैं, तो उन्हें शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने में कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। आयोग का मानना है कि दस्तावेज़ पर साइन करने से यह साबित होगा कि राहुल अपने बयान पर कायम हैं। यदि वे हस्ताक्षर नहीं करते हैं, तो इसे इस रूप में देखा जाएगा कि उन्हें अपने दावे पर विश्वास नहीं है। ऐसे में, आयोग ने उनसे देश से माफी मांगने की बात कही है, ताकि चुनाव प्रणाली पर लोगों का विश्वास ना डगमगाए।
कांग्रेस का सख्त रुख
कांग्रेस का रुख सख्त
चुनाव आयोग की चुनौती के बावजूद, राहुल गांधी अपने आरोपों पर अडिग हैं। बेंगलुरु में एक कांग्रेस रैली में उन्होंने फिर से अपने आरोपों को दोहराया और कहा कि जिम्मेदार लोगों को समय आने पर सज़ा मिलेगी। राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि आयोग और भाजपा के बीच सांठगांठ है, जिससे गरीब और वंचित वर्ग के वोटों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान पर भी सवाल उठाए।
वोटों की हेराफेरी का दावा
100 सीटों पर खेल चल रहा है
राहुल गांधी ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो जारी कर विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु की महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में "पाँच तरह की गड़बड़ियाँ" की गईं, जिसके चलते 1,00,250 वोट हटा दिए गए। उन्होंने यह भी बताया कि यह केवल एक उदाहरण है और देशभर में लगभग 100 लोकसभा सीटों पर इसी तरह की हेराफेरी की गई है। राहुल का कहना है कि कांग्रेस ने इस प्रकार की अनियमितताओं के सबूत इकट्ठा कर लिए हैं और उन्हें उजागर करती रहेगी।