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राहुल गांधी का बर्लिन दौरा: चुनावों पर गंभीर आरोप

राहुल गांधी ने अपने जर्मनी दौरे के दौरान बर्लिन में चुनावों की निष्पक्षता पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव निष्पक्ष नहीं थे और भाजपा पर संस्थागत ढांचे का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। भाजपा ने उनकी टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें कहा गया है कि राहुल गांधी अब विपक्ष के नेता नहीं, बल्कि प्रोपेगेंडा के नेता बन गए हैं। इस विवाद में केंद्रीय एजेंसियों का भी जिक्र किया गया है।
 

राहुल गांधी का बयान

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने जर्मनी दौरे के दौरान बर्लिन के हर्टी स्कूल में 'राजनीति सुनने की कला' विषय पर एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 2024 में हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव निष्पक्ष नहीं थे।


गांधी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग के समक्ष अपनी चिंताओं को उठाया था, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी को केंद्र सरकार ने अपने हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है, जिससे विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। राहुल ने यह भी कहा कि भाजपा के खिलाफ ईडी और सीबीआई के पास कोई मामला नहीं है, जबकि विपक्ष के खिलाफ कई मामले हैं।


उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह भारत के संस्थागत ढांचे का दुरुपयोग कर रही है और इसके जरिए अपनी राजनीतिक शक्ति को बढ़ा रही है। राहुल ने कहा कि विपक्ष को प्रणालीगत चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्रिय रूप से रणनीतियाँ विकसित करनी चाहिए। उन्होंने हाल की चुनावी जीतों का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस ने तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में चुनाव जीते हैं।


गांधी ने चुनाव आयोग के खिलाफ अपने आरोपों को दोहराते हुए कहा कि हमारे देश के संस्थागत ढांचे पर बड़ा हमला हो रहा है। उन्होंने हरियाणा में एक ब्राजीलियाई महिला के 22 बार मतदान सूची में होने का उदाहरण दिया और कहा कि इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।


भाजपा की प्रतिक्रिया

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने राहुल गांधी के बर्लिन में दिए गए बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राहुल का हर विदेश दौरा अब भारत-विरोधी राजनीति का मंच बन चुका है। चुघ ने कहा कि विदेशी धरती पर भारत की संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करना एक सुनियोजित प्रयास है।


उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अब विपक्ष के नेता नहीं, बल्कि प्रोपेगेंडा के नेता बन गए हैं। वह जहां जाते हैं, आरोप लगाते हैं और फिर जवाबदेही से भाग जाते हैं। चुघ ने यह भी कहा कि जिनकी सरकार का कार्यकाल घोटालों से भरा रहा है, उन्हें आज नैतिकता का पाठ पढ़ाने का कोई अधिकार नहीं है।


भविष्य की रणनीति

चुघ ने यह भी कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी दोनों जमानत पर हैं और इसलिए वह केंद्रीय एजेंसियों पर निशाना साधते रहते हैं। उन्होंने कहा कि जिस दिन राहुल पर शिकंजा कसेगा, वह यही कहेंगे कि सरकारी एजेंसियां सरकार के कहने पर ही चलती हैं।


राहुल गांधी को यह भी स्पष्ट करना चाहिए था कि केंद्र सरकार ने उनके और गांधी परिवार के खिलाफ किन-किन मामलों में मुकदमे दर्ज किए हैं। इससे विदेशियों को सही जानकारी मिलती और भ्रम दूर होता।



-इरविन खन्ना, मुख्य संपादक।