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राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा: बिहार में चुनावी माहौल गरम

राहुल गांधी की 'वोट अधिकार यात्रा' बिहार में चुनावी माहौल को गरम कर रही है। यह यात्रा सासाराम से शुरू होकर 25 जिलों से गुजरेगी और 1 सितंबर को पटना में समाप्त होगी। यात्रा का मुख्य उद्देश्य निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची में किए जा रहे संशोधनों के खिलाफ विरोध करना है। तेजस्वी यादव की भागीदारी से महागठबंधन की रणनीति को मजबूती मिलेगी। जानें इस यात्रा के पीछे की रणनीति और इसके महत्व के बारे में।
 

वोट अधिकार यात्रा का आगाज


बिहार में 2025 के विधानसभा चुनावों को लेकर विपक्षी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच, कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ‘वोट अधिकार यात्रा’ चर्चा का विषय बन गई है। यह यात्रा सासाराम से आरंभ होगी और इसकी अवधि 16 दिन होगी। यात्रा का मुख्य उद्देश्य निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची में किए जा रहे विशेष संशोधन (SIR) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना और ‘वोट चोरी’ के मुद्दे को आम जनता के बीच लाना है। इस यात्रा को आरजेडी प्रमुख लालू यादव द्वारा हरी झंडी दिखाई जाएगी। इस यात्रा में दोनों दलों की भागीदारी से यह सवाल उठता है कि क्या राहुल की यह यात्रा महागठबंधन को बिहार में और मजबूत बनाएगी?




यह यात्रा सासाराम से शुरू होकर बिहार के 25 जिलों से गुजरेगी और 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक भव्य रैली के साथ समाप्त होगी। तेजस्वी यादव, जो महागठबंधन के प्रमुख चेहरे हैं, इस यात्रा में राहुल गांधी के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आरजेडी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर कहा है कि ‘भाजपा के निर्देश पर चुनाव आयोग बिहारवासियों के मताधिकार के साथ खिलवाड़ कर रहा है, जिसके खिलाफ युवा नेता तेजस्वी यादव राहुल गांधी जी के साथ ‘वोट अधिकार यात्रा’ पर निकलेंगे।’ तेजस्वी ने इस यात्रा के लिए एक अभियान गीत भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने बिहार की जनता से इसमें शामिल होने की अपील की है। उनकी सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट है कि वह महागठबंधन की रणनीति को मजबूती प्रदान करेंगे.


यात्रा का उद्देश्य और रणनीति


राहुल गांधी ने इस यात्रा को ‘वोट चोरी’ के खिलाफ एक निर्णायक संघर्ष बताया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि निर्वाचन आयोग, बीजेपी के इशारे पर, बिहार में मतदाता सूची से लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम हटा रहा है, जिससे गरीब और विपक्षी समर्थकों के वोटिंग अधिकारों को खतरा है। यात्रा का उद्देश्य जनता को मताधिकार के महत्व के प्रति जागरूक करना और ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सिद्धांत को मजबूत करना है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘यह यात्रा लोकतंत्र की रक्षा के लिए सड़कों पर लड़ी जाएगी।’ इसके अलावा, कांग्रेस ने 14 अगस्त को ‘लोकतंत्र बचाओ मशाल मार्च’ और 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक 5 करोड़ हस्ताक्षर जुटाने का अभियान भी शुरू किया है.