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राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' बिहार में राजनीतिक बदलाव की ओर

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बिहार में मतदाता सूची से नाम हटाए जाने के बाद 'वोटर अधिकार यात्रा' की शुरुआत की है। इस यात्रा का उद्देश्य राजनीतिक जागरूकता बढ़ाना और समाज में भाईचारा फैलाना है। राहुल की दिनचर्या में सुबह की दौड़ और बच्चों के साथ बातचीत शामिल है, जो उनकी सादगी और अनुशासन को दर्शाती है। जानें इस यात्रा के विभिन्न पहलुओं और राहुल के धार्मिक स्थलों के दौरे के बारे में।
 

यात्रा का आरंभ और उद्देश्य

बिहार में मतदाता सूची से लाखों नाम हटाए जाने के बाद, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने "वोटर अधिकार यात्रा" की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत दो चरण पूरे हो चुके हैं, जिसमें यात्रा का आरंभ 17 अगस्त को सासाराम से हुआ और दूसरा चरण 25 अगस्त को आयोजित किया गया। अगले चरण की शुरुआत 1 सितंबर को होने की योजना है। इस यात्रा के दौरान राजनीतिक चर्चाओं के साथ-साथ राहुल की सादगी और अनुशासन भी चर्चा का विषय बन गए हैं। महागठबंधन के नेता भी मानते हैं कि राहुल की दिनचर्या उनकी यात्रा की विशेष पहचान है.


जनता से जुड़ाव और दिनचर्या

राहुल गांधी की दिनचर्या सुबह पांच बजे शुरू होती है, जब वे लगभग 10 किलोमीटर दौड़ लगाते हैं। यह दौड़ यात्रा स्थल के आसपास की सड़कों पर होती है, जिसमें केवल सुरक्षा कर्मी उनके साथ होते हैं। दौड़ के बाद वे स्नान और नाश्ता कर यात्रा के लिए तैयार होते हैं। यात्रा शुरू होने से पहले, वे स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ हल्की-फुल्की चर्चा करते हैं।


राहुल का बच्चों के साथ जुड़ाव भी खास है। कई बार वे अपनी गाड़ी से उतरकर स्कूल के बच्चों से बातचीत करते हैं, उनकी पढ़ाई और सपनों के बारे में पूछते हैं। इससे यह संदेश जाता है कि उनका ध्यान केवल राजनीतिक भाषणों तक सीमित नहीं है, बल्कि वे सामाजिक संपर्क को भी महत्व देते हैं।


अलग-अलग रहन-सहन

दिलचस्प बात यह है कि इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव अलग-अलग तरीके से यात्रा कर रहे हैं। राहुल अपने मोबाइल कंटेनर में साधारण बेडरूम में ठहरते हैं, जबकि तेजस्वी होटल में रहते हैं। पहले दिन दोनों ने एक ही कंटेनर में रहने का अनुभव साझा किया था। दोपहर का भोजन अक्सर सभी नेताओं के साथ सामूहिक रूप से होता है, लेकिन रात में राहुल का कार्यक्रम थोड़ा अलग होता है और वे रात साढ़े नौ बजे तक विश्राम के लिए लौट जाते हैं।


धार्मिक स्थलों की यात्रा

यात्रा के दौरान राहुल गांधी का धार्मिक स्थलों की ओर झुकाव भी देखने को मिला है। उन्होंने देव स्थित सूर्य मंदिर में पूजा की और राज्य की समृद्धि की कामना की। इसके अलावा, राहुल और तेजस्वी ने मुंगेर के खानकाह रहमानी का दौरा किया, जो सूफी परंपरा से जुड़ा है। यह यात्रा राहुल की पहल के सामाजिक-सांस्कृतिक पहलू को दर्शाती है।


समाज में भाईचारा फैलाने का संदेश

इस यात्रा की एक और खास बात "मोहब्बत की दुकान" नामक संदेश वाहन है। इसके माध्यम से यात्रा को केवल राजनीतिक सफर नहीं, बल्कि समाज में भाईचारा और सद्भाव फैलाने की पहल के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। "नफ़रत के माहौल में मोहब्बत का विकल्प" — यही संदेश राहुल की यात्रा को अन्य अभियानों से अलग बनाता है।