राहुल गांधी ने त्रिपुरा के ऐंजल चकमा की नस्ली हिंसा पर उठाई आवाज़
राहुल गांधी का बयान
नई दिल्ली। देहरादून में नस्ली हिंसा का शिकार हुए त्रिपुरा के ऐंजल चकमा के मामले को लेकर राहुल गांधी ने सोमवार को अपनी आवाज़ उठाई। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक विस्तृत पोस्ट साझा की, जिसमें समाज में बढ़ती हिंसा और नफरत के मुद्दे को उठाया। उन्होंने लिखा, 'देहरादून में ऐंजल चकमा और उनके भाई माइकल के साथ जो हुआ, वह एक भयावह घृणा अपराध है। नफरत रातोंरात नहीं पैदा होती। इसे वर्षों से, खासकर हमारे युवाओं को, जहरीली सामग्री और गैर जिम्मेदार बयानों के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है, और सत्ताधारी भाजपा के नफरत फैलाने वाले नेतृत्व द्वारा इसे सामान्य बना दिया गया है।'
हालांकि, देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने नस्ली टिप्पणी के आरोपों से इनकार किया है, लेकिन एफआईआर में जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल का उल्लेख किया गया है। ऐंजल चकमा के पिता ने भी कहा कि उनके बेटे पर नस्ली टिप्पणी की गई और जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो उन पर चाकू से हमला किया गया। यह ध्यान देने योग्य है कि ऐंजल और उसके भाई माइकल दोनों पर टिप्पणी की गई थी। हमले में चाकुओं से घायल ऐंजल की अस्पताल में मौत हो गई।
इस बीच, ऐंजल चकमा के पिता तरुण चकमा ने देहरादून के ग्राफिक एरा अस्पताल के प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने दावा किया कि 18 दिसंबर को ऑपरेशन से पहले उनका बेटा बात कर रहा था, लेकिन ऑपरेशन के बाद उसकी स्थिति बिगड़ती चली गई। राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, 'भारत सम्मान और एकता पर बना है, न कि भय और दुर्व्यवहार पर। हम प्रेम और विविधता का देश हैं। हमें एक ऐसा मृत समाज नहीं बनाना चाहिए जो अपने साथी भारतीयों को निशाना बनाए जाने पर आंखें मूंद ले। हमें आत्मचिंतन करना चाहिए और यह समझना चाहिए कि हम अपने देश को किस दिशा में ले जा रहे हैं। मेरी संवेदनाएं चकमा परिवार और त्रिपुरा तथा उत्तर पूर्वी भारत के लोगों के साथ हैं। हमें आपको अपने साथी भारतीय भाई-बहन कहने पर गर्व है।'