रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए बुनियादी ढांचे का विकास आवश्यक: RBI गवर्नर
आरबीआई गवर्नर का सीसीआईएल को निर्देश
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के साथ-साथ अन्य मुद्राओं में व्यापार और निपटान को सरल बनाने के लिए क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआईएल) से आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास की अपील की।
सीसीआईएल की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक समारोह में, मल्होत्रा ने निगम से विदेशी मुद्रा और सरकारी प्रतिभूतियों के क्षेत्र में खुदरा निवेशकों के लिए अपनी सेवाओं को बढ़ाने का भी अनुरोध किया।
उन्होंने कहा, 'रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण के व्यापक लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, सीसीआईएल को अमेरिकी डॉलर-रुपये के अलावा अन्य मुद्राओं में व्यापार और निपटान सेवाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए बुनियादी ढांचे की संभावनाओं की खोज करनी चाहिए।'
पिछले कुछ वर्षों में रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण एक महत्वपूर्ण नीतिगत एजेंडा बन गया है, और भारत ने कुछ देशों के साथ स्थानीय मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार निपटाने के लिए समझौते किए हैं।
मल्होत्रा ने सीसीआईएल से 'फॉरेक्स रिटेल' और 'आरबीआई रिटेल डायरेक्ट' पर अपने उत्पादों और सेवाओं का निरंतर अन्वेषण और विकास करने का आग्रह किया, जिससे ग्राहकों को बेहतर अनुभव और मजबूत प्रणाली क्षमताएं मिल सकें।
उन्होंने बताया कि सरकारी प्रतिभूतियों के व्यापार मंच पर तीन लाख खुदरा निवेशक पंजीकृत हैं।
मल्होत्रा ने 2001 में स्थापित इस निकाय से नवाचार को अपनाने और दक्षता, मापनीयता, प्रदर्शन, सुरक्षा को बढ़ाने तथा लागत को कम करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि स्थिरता, वृद्धि और विश्वास आरबीआई के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।