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रुपये में गिरावट, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.12 पर बंद

इस लेख में रुपये की गिरावट और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले उसकी स्थिति पर चर्चा की गई है। जानें कि कैसे विदेशी निवेशकों की गतिविधियों और घरेलू शेयर बाजारों की स्थिति ने रुपये को प्रभावित किया है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और शेयर बाजार के आंकड़ों पर भी एक नजर डालें।
 

रुपये की स्थिति

विदेशी निवेशकों द्वारा निरंतर निकासी और अमेरिकी डॉलर की मजबूती के बीच, अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपये ने बृहस्पतिवार को 10 पैसे की गिरावट के साथ 88.12 प्रति डॉलर पर समापन किया।


विदेशी मुद्रा व्यापारियों का मानना है कि घरेलू शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख और अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में कमी ने रुपये की गिरावट को रोकने में मदद की।


अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये की शुरुआत 88.09 पर हुई। दिन के दौरान, यह 87.85 से 88.19 प्रति डॉलर के बीच कारोबार करता रहा और अंत में 88.12 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले दिन के मुकाबले 10 पैसे की कमी दर्शाता है।


बुधवार को रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 13 पैसे की वृद्धि के साथ 88.02 पर समापन किया था। फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने बताया कि सुबह की बढ़त के बाद रुपये में गिरावट आई, क्योंकि शेयर बाजार अपनी बढ़त को बनाए नहीं रख सके।


उन्होंने कहा, "अमेरिकी शुल्क की चिंताओं और विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी ने रुपये की धारणा पर दबाव डाला है, जिससे रुपये में केवल मामूली सुधार देखने को मिला है।"


भंसाली ने यह भी कहा कि स्थानीय मुद्रा 87.80 से 88.50 के बीच कारोबार कर सकती है।


इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.08 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 98.21 पर पहुंच गया।


घरेलू शेयर बाजारों में, सेंसेक्स 150.30 अंक की बढ़त के साथ 80,718.01 अंक पर और निफ्टी 19.25 अंक की वृद्धि के साथ 24,734.30 अंक पर बंद हुआ।


अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड की कीमत 1.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 66.88 डॉलर प्रति बैरल रही।


शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल बने रहे और उन्होंने बृहस्पतिवार को 106.34 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।