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रूस और नाटो के बीच बढ़ता तनाव: जर्मनी ने भेजे फाइटर जेट

रूस और नाटो के बीच बढ़ते तनाव के बीच, रूस ने नाटो के एयर स्पेस में अपने फाइटर जेट भेजे हैं, जिसके जवाब में जर्मनी ने भी अपने यूरोफाइटर जेट तैनात किए हैं। यह घटना बाल्टिक सागर के ऊपर हुई, जहां जर्मन वायु सेना ने एक रूसी टोही विमान को बिना अनुमति उड़ते हुए देखा। इस घटना के बाद, नाटो की उत्तरी अटलांटिक परिषद की बैठक में एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र के उल्लंघन पर चर्चा की जाएगी। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
 

रूस का नाटो एयर स्पेस में प्रवेश

रूस और नाटो देशों के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में, रूस ने नाटो के एयर स्पेस में अपने फाइटर जेट भेजे हैं। इसके जवाब में, जर्मनी ने भी अपने दो यूरोफाइटर जेट तैनात कर दिए हैं। यह घटना बाल्टिक सागर के ऊपर हुई, जहां रूस का IL-20M टोही विमान उड़ान भर रहा था। जर्मन वायु सेना के अनुसार, इस विमान के पास कोई अनुमति नहीं थी और न ही इसकी उड़ान की कोई जानकारी दी गई थी। संभावित हमले के खतरे को देखते हुए, जर्मनी ने अपने फाइटर जेट को तैनात किया।


जर्मन वायु सेना का बयान

जर्मन वायु सेना ने एक बयान में कहा कि नाटो के त्वरित प्रतिक्रिया बल ने एक अज्ञात विमान को बिना उड़ान योजना या रेडियो संचार के उड़ते हुए देखा। इसके बाद, उन्होंने उड़ान भरने का आदेश दिया। यह विमान रूसी IL-20M टोही विमान निकला। पहचान के बाद, जर्मन वायु सेना ने एस्कॉर्ट की जिम्मेदारी अपने स्वीडिश नाटो सहयोगियों को सौंप दी और रोस्टॉक-लागे लौट आए।


नाटो की बैठक से पहले की हलचल

मंगलवार को नाटो की उत्तरी अटलांटिक परिषद की बैठक होने वाली है, और इससे पहले की यह आसमानी हलचल राजनीतिक गतिविधियों को तेज कर रही है। इस बैठक में एस्टोनिया के ऊपर रूसी जेट विमानों से जुड़ी घटनाओं पर चर्चा की जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार, एस्टोनिया की राजधानी तेलिन ने शुक्रवार को मास्को पर अपने हवाई क्षेत्र का 'अभूतपूर्व और बेशर्मी से' उल्लंघन करने का आरोप लगाया। एस्टोनिया ने दावा किया कि तीन रूसी मिग-31 लड़ाकू विमान बिना अनुमति के उसकी सीमा में घुस आए और 12 मिनट तक वहां रहे।