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रूस के MiG-31 जेट्स ने नाटो को दी चुनौती, तनाव बढ़ा

रूस के MiG-31 फाइटर जेट्स ने हाल ही में बाल्टिक सागर के ऊपर उड़ान भरकर नाटो देशों को चुनौती दी है, जिससे यूरोप में तनाव की स्थिति और बढ़ गई है। पोलैंड ने आरोप लगाया है कि रूसी जेट्स ने एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया। नाटो ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इटली के एफ-35 विमानों को भेजा। यूरोपीय नेताओं ने भी रूस की इस हरकत को खतरनाक बताया है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी।
 

रूस के फाइटर जेट्स की उड़ान

रूस के MiG-31 फाइटर जेट्स: यूरोप में तनाव की स्थिति लगातार बढ़ती जा रही है। रूस और नाटो (NATO) के बीच की बढ़ती खींचतान अब एक गंभीर मोड़ पर पहुंच गई है। हाल ही में, रूस के फाइटर जेट्स ने बाल्टिक सागर के ऊपर उड़ान भरकर नाटो देशों को एक स्पष्ट चुनौती दी है। यह घटना यूक्रेन युद्ध के बीच हुई, जिसने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। 


पोलैंड ने हाल ही में यह दावा किया कि रूस के दो फाइटर जेट्स बाल्टिक सागर में स्थित पेट्रोबाल्टिक तेल और गैस प्लेटफॉर्म के निकट उड़ान भर रहे थे। पोलैंड के अनुसार, रूसी जेट्स ने निर्धारित सुरक्षा क्षेत्र का उल्लंघन किया, जो नाटो के लिए एक गंभीर चुनौती है। ये जेट्स न केवल कम ऊंचाई पर उड़ रहे थे, बल्कि इन्होंने बिना अनुमति के एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र में भी प्रवेश किया। 


नाटो की कड़ी प्रतिक्रिया

नाटो की तीखी प्रतिक्रिया


नाटो ने रूस की इस कार्रवाई को "लापरवाह और खतरनाक" करार दिया है। नाटो की प्रवक्ता एलिसन हार्ट ने कहा कि रूस का यह कदम गठबंधन देशों के लिए सीधी चुनौती है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, नाटो ने तुरंत इटली के एफ-35 लड़ाकू विमानों को रूसी जेट्स को रोकने के लिए भेजा। ये विमान बाल्टिक देशों में नाटो के वायु रक्षा मिशन का हिस्सा हैं। इटली और एस्टोनिया के अधिकारियों ने इस कार्रवाई की पुष्टि की और कहा कि रूसी जेट्स को चेतावनी देकर पीछे हटाया गया।


यूरोपीय नेताओं की प्रतिक्रिया

यूरोपीय नेताओं का रुख


इस घटना ने यूरोपीय नेताओं को भी सतर्क कर दिया है। यूरोपीय संघ की शीर्ष राजनयिक काजा कल्लास ने रूस पर "खतरनाक उकसावे" का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि रूस की ऐसी हरकतें क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा सकती हैं। वहीं, यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने सख्त लहजे में कहा, "रूस के खतरे बढ़ने के साथ हमारा जवाब भी और सख्त होगा।" 


यूक्रेन युद्ध और बढ़ता तनाव

यूक्रेन युद्ध और बढ़ता तनाव


यह घटना ऐसे समय में हुई है जब यूक्रेन में युद्ध अपने चरम पर है। रूस की आक्रामकता न केवल यूक्रेन तक सीमित है, बल्कि अब वह नाटो देशों के हवाई क्षेत्रों में भी उकसावे की कार्रवाई कर रहा है। बाल्टिक सागर में रूसी जेट्स की मौजूदगी और एस्टोनिया के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन इस बात का संकेत है कि रूस नाटो के साथ टकराव के लिए तैयार हो रहा है।