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रूस पर ट्रंप के कड़े प्रतिबंधों की मांग, यूरोप को भी उठाने होंगे कदम

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर प्रतिबंधों के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने यूरोप से अपील की है कि वह रूस से तेल खरीदना बंद करे और प्रतिबंधों को और सख्त करे। ट्रंप ने नाटो देशों को भी रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाने की सलाह दी है। जानें इस मुद्दे पर उनके विचार और चीन के खिलाफ उठाए गए कदमों के बारे में।
 

ट्रंप का रूस पर प्रतिबंधों के प्रति सख्त रुख

रूस पर प्रतिबंधों की बात करते हुए: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के मुद्दे पर अपने विचार स्पष्ट किए। उन्होंने कहा कि अमेरिका सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है, लेकिन यूरोप को भी उसी स्तर पर आकर मास्को पर दबाव डालना होगा। ट्रंप ने यूरोपीय संघ की आलोचना करते हुए कहा कि वह रूस से तेल खरीदकर अपनी नीतियों को कमजोर कर रहा है।


ट्रंप ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'यूरोप रूस से तेल खरीद रहा है। मैं नहीं चाहता कि वे ऐसा करें।' उन्होंने यह भी कहा कि यूरोप के मौजूदा प्रतिबंध पर्याप्त नहीं हैं और यदि रूस पर असली दबाव डालना है, तो यूरोपीय देशों को अमेरिका की तरह सख्ती दिखानी होगी। उन्होंने कहा, 'जो प्रतिबंध वे लगा रहे हैं, वे पर्याप्त कड़े नहीं हैं, और मैं प्रतिबंध लगाने को तैयार हूं, लेकिन उन्हें मेरे कदमों के अनुरूप अपने प्रतिबंधों को और सख्त करना होगा।'


नाटो देशों पर ट्रंप की अपील

नाटो देशों से रूस से तेल खरीदने की अपील


शनिवार को ट्रंप ने नाटो देशों से रूस से तेल खरीदना बंद करने की अपील की। उन्होंने कहा कि जब तक यूक्रेन युद्ध समाप्त नहीं होता, तब तक नाटो को मिलकर रूस पर और आर्थिक दबाव बनाना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने चीन पर 50% से 100% तक टैरिफ लगाने का सुझाव दिया, यह कहते हुए कि यह कदम रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में मदद करेगा।




ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, 'मेरा मानना है कि यह, और नाटो द्वारा एक समूह के रूप में चीन पर 50% से 100% टैरिफ लगाना, जिसे रूस और यूक्रेन के साथ युद्ध समाप्त होने के बाद पूरी तरह से वापस ले लिया जाएगा, इस घातक, लेकिन हास्यास्पद युद्ध को समाप्त करने में भी बहुत मददगार साबित होगा.'


रूस से तेल खरीदने वाले देशों की सूची

रूस से तेल खरीदने वाले देशों की जानकारी


ऊर्जा और स्वच्छ हवा पर रिसर्च करने वाले सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर की रिपोर्ट के अनुसार, नाटो का सदस्य तुर्की, चीन और भारत के बाद रूस का तीसरा सबसे बड़ा खरीदार है। इसके अलावा, हंगरी और स्लोवाकिया जैसे नाटो सदस्य भी रूस से ऊर्जा आयात कर रहे हैं। ट्रंप ने पहले ही नई दिल्ली द्वारा रूसी ऊर्जा खरीद पर भारतीय वस्तुओं पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिए हैं। हालांकि, चीन पर अब तक ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। इसके बावजूद, ट्रंप बार-बार चीन को चेतावनी देते रहे हैं कि यदि उसने रूस का समर्थन जारी रखा, तो कड़े आर्थिक कदम उठाए जाएंगे.