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रूस में 8.8 तीव्रता का भूकंप, सुनामी का अलर्ट जारी

रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने सुनामी की लहरें उत्पन्न कीं। इस आपदा ने न केवल रूस में बल्कि प्रशांत महासागर के तटीय देशों में भी अलर्ट जारी किया। जापान और अमेरिका ने त्वरित निकासी आदेश दिए हैं, जबकि भारत के लिए कोई खतरा नहीं है। जानें इस भूकंप के प्रभाव और वैश्विक प्रतिक्रिया के बारे में।
 

भूकंप की तीव्रता और प्रभाव

आज रूस के कामचटका प्रायद्वीप के निकट 8.8 की तीव्रता वाला एक शक्तिशाली भूकंप आया, जिसने 4 मीटर (13 फीट) ऊँची सुनामी लहरें उत्पन्न कीं। इस आपदा ने न केवल इस दूरस्थ क्षेत्र में तबाही मचाई, बल्कि प्रशांत महासागर के तटीय देशों में भी व्यापक अलर्ट और निकासी का आदेश दिया। भूकंप का केंद्र पेत्रोपावलोव्स्क-कामचात्स्की से 119 किलोमीटर पूर्व-दक्षिण-पूर्व में था और इसकी गहराई 19 किलोमीटर थी, जिससे इसका प्रभाव अधिक महसूस किया गया।


क्षति और निकासी

रिपोर्टों के अनुसार, भूकंप के कारण कुछ इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं, जिसमें एक किंडरगार्टन में दरारें आईं। हालांकि, अधिकांश संरचनाएं सुरक्षित रहीं। कुछ लोग भागते समय या इमारतों से गिरने के कारण घायल हुए। एक महिला को नए एयरपोर्ट टर्मिनल में चोट आई। 10-13 फीट ऊँची लहरों ने सेवेरो-कुरील्स्क बंदरगाह को आंशिक रूप से डुबो दिया और मछली प्रसंस्करण संयंत्र में जलभराव हो गया। कामचटका के गवर्नर व्लादिमीर सोलोदोव ने इसे दशकों में सबसे शक्तिशाली भूकंप बताया।


जापान और अमेरिका में प्रतिक्रिया

जापान, जिसने 2011 की विनाशकारी सुनामी का सामना किया था, ने तुरंत पूर्वी समुद्री तट पर हजारों लोगों को निकासी का आदेश दिया। फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के कर्मचारियों को भी एहतियातन बाहर निकाला गया। अब तक 60 सेमी ऊँची तीन सुनामी लहरें दर्ज की गई हैं। निसान मोटर्स ने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कुछ संयंत्रों में काम रोक दिया। जापान में कोई बड़ा नुकसान या परमाणु संयंत्रों में अनियमितता की सूचना नहीं है। अमेरिका के हवाई में भी तटीय निवासियों को ऊंचाई पर जाने या इमारतों की चौथी मंजिल से ऊपर रहने के निर्देश दिए गए हैं। अमेरिकी तटरक्षक बल ने बंदरगाहों से जहाजों को बाहर निकालने का आदेश दिया।


सुनामी चेतावनी और वैश्विक प्रतिक्रिया

यूएस Tsunami Warning System ने चेतावनी दी है कि रूस, हवाई और इक्वाडोर के कुछ तटीय क्षेत्रों में 3 मीटर से अधिक ऊँची लहरें आ सकती हैं। जापान, चिली, और सोलोमन द्वीपों में 1-3 मीटर ऊँची लहरों का खतरा बना हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर अलर्ट जारी करते हुए कहा, “सुनामी का खतरा है, सभी लोग सुरक्षित रहें और सतर्क रहें।”


भूकंप का क्षेत्र और भविष्य की संभावनाएँ

कामचटका क्षेत्र प्रशांत महासागर के 'रिंग ऑफ फायर' में आता है, जो भूकंप और ज्वालामुखीय विस्फोटों के लिए जाना जाता है। रूसी विज्ञान अकादमी ने बताया कि यह 1952 के बाद का सबसे बड़ा भूकंप है। भू-भौतिकी सेवा के अनुसार, आफ्टरशॉक्स जारी रहेंगे, लेकिन और बड़े झटके की आशंका नहीं है। भूकंप का केंद्र समुद्र के नीचे होने के कारण सुनामी का खतरा अधिक बढ़ गया।


भारत पर प्रभाव

रूस के कुरिल द्वीप समूह और जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो में सुनामी की लहरें पहुंचने के बीच, भारतीय राष्ट्रीय समुद्र सूचना सेवाएं केंद्र (INCOIS) ने स्पष्ट किया है कि भारत के लिए कोई खतरा नहीं है। INCOIS ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि “भारत और हिंद महासागर के लिए कोई सुनामी खतरा नहीं है।” उन्होंने बताया कि सुनामी चेतावनी केंद्र ने 30 जुलाई 2025 को 04:54 बजे (IST) रिक्टर पैमाने पर 8.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया। यह भूकंप रूस के कामचटका तट के पूर्व में आया था। INCOIS के अनुसार, भारतीय तटीय क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की निकासी या अलर्ट की आवश्यकता नहीं है।