रूस-यूक्रेन युद्ध में बच्चों का अपहरण: एक गंभीर मानवाधिकार संकट
रूस-यूक्रेन युद्ध की स्थिति
रूस-यूक्रेन युद्ध: यह संघर्ष 2022 में शुरू हुआ और अब चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। इस युद्ध ने लाखों लोगों की जान ले ली है और कई शहरों को मलबे में बदल दिया है। युद्ध समाप्त करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। इस बीच, यूक्रेन ने रूस पर आरोप लगाया है कि वे यूक्रेनी बच्चों का अपहरण कर उन्हें 18 वर्ष की आयु में जबरन सैन्य सेवा में भर्ती कर रहे हैं।
यूक्रेन का आरोप
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कीव का कहना है कि इन बच्चों को उनके ही लोगों के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो कि एक सुनियोजित और राज्य संचालित योजना का हिस्सा है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ आंद्रिय यरमक ने न्यूयॉर्क पोस्ट में बताया कि यूक्रेनी सेना अब युद्ध के मोर्चे पर इन युवाओं का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि कई बच्चों को नाबालिग अवस्था में अपहरण कर लिया गया और कब्जे वाले क्षेत्रों में वर्षों तक वैचारिक और सैन्य प्रशिक्षण दिया गया है।
बच्चों पर अत्याचार
बच्चों पर रूस का अत्याचार: आंद्रिय यरमक ने रूस की इस नीति को "आतंकवादी शासन" का कार्य बताया। उन्होंने कहा, "रूसी लोग यूक्रेन की नई पीढ़ी को नष्ट करना चाहते हैं और उन देशों के खिलाफ नए सैनिक बना रहे हैं जहां उनका जन्म हुआ। यह भयावह है।" यरमक ने यह भी कहा कि पुतिन का लक्ष्य यूक्रेन का अस्तित्व मिटाना है।
व्लाद रुदेंको की कहानी
व्लाद रुदेंको की आपबीती: 19 वर्षीय व्लाद रुदेंको ने द टाइम्स ऑफ लंदन को बताया कि उन्हें रोज़ाना रूसी राष्ट्रगान गाने, शारीरिक व्यायाम करने और हथियार प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता था। उन्होंने कहा, "16 और 17 साल के बच्चों को नकली राइफलें दी जाती थीं, जबकि बड़े बच्चों को असली गोला-बारूद दिया जाता था।" रुदेंको ने बताया कि उन्हें 16 साल की उम्र में रूसी सेना ने बंदूक की नोक पर उठा लिया और क्रीमिया में तीन साल तक रखा गया। अंततः, अपनी मां की मदद से वह भाग निकले।
रूस के पुनर्शिक्षण शिविर
रूस के पुनर्शिक्षण शिविर: येल ह्यूमैनिटेरियन रिसर्च लैब ने दर्जनों रूसी संचालित पुनर्शिक्षण शिविरों का दस्तावेजीकरण किया है। इन शिविरों में बच्चों को रूसी संस्कृति में डुबोया जाता है और उन्हें यूक्रेनी भाषा बोलने से मना किया जाता है। कुछ बच्चों को रूसी राज्य टेलीविजन पर दिखाया गया है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता: 2023 में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) ने बच्चों के अपहरण के आरोप में राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। क्रेमलिन ने किसी भी गलत कार्य से इनकार किया है, लेकिन मानवाधिकार संगठन इस जबरन भर्ती के दीर्घकालिक परिणामों पर चिंता जता रहे हैं।