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रूस-यूक्रेन युद्ध में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक रूसी सैनिक ने अपने साथी की हत्या कर उसके शव को दो हफ्ते तक खाया। यह सनसनीखेज खुलासा यूक्रेन की खुफिया एजेंसी द्वारा इंटरसेप्ट की गई कॉल से हुआ। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि रूस ने हत्यारों और नरभक्षियों को अपनी सेना में भर्ती किया है। जानिए इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और इसके प्रभाव।
 

रूस-यूक्रेन युद्ध में एक चौंकाने वाला खुलासा

रूस-यूक्रेन युद्ध: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में एक अत्यंत चौंकाने वाली घटना सामने आई है। रिपोर्टों के अनुसार, एक रूसी सैनिक ने अपने साथी की हत्या कर उसके शव को दो सप्ताह तक खाकर जिंदा रहने की कोशिश की। अंततः, वह भी मारा गया।


यह चौंकाने वाला खुलासा यूक्रेन की खुफिया एजेंसी 'मेन डाइरेक्टरेट ऑफ इंटेलिजेंस' द्वारा इंटरसेप्ट की गई कॉल से हुआ, जिसे एक मीडिया चैनल ने प्रकाशित किया है।


इंटरसेप्ट की गई कॉल से जानकारी

'Brelok ने Foma को खा लिया' - कॉल से खुलासा


रिपोर्ट के अनुसार, इंटरसेप्ट की गई बातचीत में एक सैनिक दूसरे से कहता है, 'हरामखोरी... Brelok ने Foma को खा लिया, कमाल है... कोई कहीं नहीं गया। Brelok ने उसे निपटाया और फिर दो हफ्ते तक उसे खाता रहा।'


दूसरे सैनिक का जवाब आता है, 'क्या बात कर रहा है... हे भगवान... मेरा गंजा सिर फट जाएगा। क्या Brelok सच में 200 मिला?' यहाँ '200' उस शब्दावली का हिस्सा है, जिसका उपयोग मारे गए सैनिकों के लिए किया जाता है। 'हां, बताया जा रहा है कि वो 200 था। उसने अपने साथी को खा लिया। हां... सोचने वाली बात है। मैं खुद भी हैरान हूं।'


रूस की सेना में अपराधियों की भर्ती

क्या रूस अपराधियों को सेना में भर्ती कर रहा है?


रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि रूस ने कीव पर दबाव बढ़ाने के लिए हत्यारों और नरभक्षियों जैसे अपराधियों को भी अपनी सेना में शामिल किया है। इनमें 'डेनिस गोरीन' का नाम शामिल है, जो 2012 में चार लोगों की हत्या और एक शव का हिस्सा खाने के मामले में दोषी पाया गया था।


ट्रंप की शांति वार्ता का असफल प्रयास

ट्रंप की शांति वार्ता नाकाम


एक अन्य आरोपी 'निकोलाय ओगोलोबिएक' है, जिसने 2008 में दो युवतियों की हत्या कर उनके अंगों को पकाया था, जिसे 2023 में रूस की ओर से युद्ध में भेजा गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध को रोकने के लिए पुतिन और जेलेंस्की से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकला।