रूस-यूक्रेन संघर्ष में नया हवाई हमला: 728 ड्रोन और 13 मिसाइलें दागी गईं
रूस-यूक्रेन युद्ध की नई स्थिति
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। तीन साल से अधिक समय से जारी इस संघर्ष में, रूस ने हाल ही में एक बड़ा हवाई हमला किया है। बीती रात, रूस ने यूक्रेन पर 728 शाहेड और नकली ड्रोन के साथ-साथ 13 मिसाइलें दागीं। यूक्रेनी वायु सेना ने इस हमले को अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला बताया है।
लुत्स्क पर हमला: सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने बताया कि इस हमले का सबसे अधिक असर उत्तर-पश्चिमी शहर लुत्स्क पर पड़ा है, जो पोलैंड और बेलारूस की सीमा के निकट स्थित है। यहां यूक्रेनी वायुसेना के एयरबेस भी हैं। इसके अलावा, देश के 10 अन्य क्षेत्रों ने भी इस हमले का सामना किया है।
पश्चिमी यूक्रेन के लॉजिस्टिक हब पर हमला
रूस का यह हमला इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि वह आमतौर पर यूक्रेन के पूर्वी या दक्षिणी हिस्सों को निशाना बनाता रहा है। इस बार, पश्चिमी यूक्रेन में एयरबेस और रसद केंद्रों को लक्ष्य बनाया गया है, जहां से पश्चिमी देशों द्वारा सैन्य सहायता भेजी जाती है। ये केंद्र पोलैंड और अन्य NATO देशों के माध्यम से संचालित होते हैं।
यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली की सफलता
यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली ने दावा किया है कि उसने 296 ड्रोन और 7 मिसाइलों को नष्ट कर दिया है। हालांकि, 415 से अधिक ड्रोन या तो रडार से गायब हो गए या रूस द्वारा जाम कर दिए गए। ज़ेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन के इंटरसेप्टर ड्रोनों का उपयोग रूस के ड्रोन हमलों को रोकने में सफल रहा है, और देश अब इनका घरेलू निर्माण भी बढ़ा रहा है।
जमीनी हमले में वृद्धि
हवाई हमलों के साथ-साथ, रूस ने लगभग 1,000 किलोमीटर लंबी अग्रिम पंक्ति पर नया ज़मीनी हमला भी शुरू कर दिया है। इससे युद्ध की तीव्रता और बढ़ गई है। रूस अब युद्ध को सीमावर्ती इलाकों तक सीमित नहीं रख रहा है, बल्कि देश के रणनीतिक केंद्रों को भी निशाना बना रहा है।
अमेरिका की प्रतिक्रिया
इस हमले के बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह पुतिन से खुश नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को यूक्रेन को और अधिक हथियार भेजने की आवश्यकता है, जबकि कुछ दिन पहले ही वाशिंगटन ने हथियार सप्लाई पर अस्थायी रोक लगाई थी।
नई चुनौतियों का सामना
रूस का यह हमला न केवल यूक्रेन की सुरक्षा को चुनौती दे रहा है, बल्कि पश्चिमी देशों से आ रही सहायता की लाइनों को भी बाधित करने का प्रयास कर रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यूक्रेन और उसके सहयोगी देश इस नई चुनौती का कैसे सामना करते हैं।