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रेवाड़ी में रात 10 बजे के बाद डीजे और लाउडस्पीकर बजाने पर प्रतिबंध

रेवाड़ी में पुलिस अधीक्षक हेमेंद्र कुमार मीणा ने रात 10 बजे के बाद डीजे और लाउडस्पीकर बजाने पर प्रतिबंध लगाया है। यह निर्णय ध्वनि प्रदूषण के कारण आम जनता को हो रही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जानें इस आदेश के पीछे की वजह और इसके प्रभाव के बारे में।
 

पुलिस अधीक्षक का कड़ा आदेश

ताजा खबर: पुलिस अधीक्षक हेमेंद्र कुमार मीणा, आईपीएस ने ध्वनि प्रदूषण के कारण आम जनता को होने वाली समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान देते हुए रात 10 बजे के बाद डीजे और लाउडस्पीकर बजाने पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने सभी थाना प्रबंधकों और चौकी इंचार्जों को निर्देशित किया है। सभी थाना प्रबंधक सामुदायिक केंद्रों, बैक्वेट हॉल और डीजे संचालकों के साथ बैठक कर इस नियम की जानकारी दे रहे हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


आम जनता की समस्याएं

सामाजिक परेशानियाँ:


एसपी हेमेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि जिले में कई सामुदायिक केंद्र और बैक्वेट हॉल आवासीय क्षेत्रों में स्थित हैं। जहां शादी और अन्य समारोहों के दौरान तेज आवाज में डीजे और लाउडस्पीकर बजाने से लोगों को परेशानी होती है। देर रात तक तेज आवाज में डीजे बजाने और आतिशबाजी के कारण आम जनता को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विद्यार्थियों और बीमार लोगों को विशेष रूप से कठिनाई होती है। इसलिए रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर और डीजे बजाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।


कानूनी कार्रवाई का प्रावधान

नियमों का उल्लंघन:


पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यदि कोई रात 10 बजे के बाद डीजे या लाउडस्पीकर बजाता है, तो इसकी सूचना पुलिस को दें। स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंचकर उचित कार्रवाई करेगी। निर्धारित समय के दौरान भी डीजे या लाउडस्पीकर को नियमों के अनुसार ही बजाना चाहिए, ताकि ध्वनि प्रदूषण की स्थिति उत्पन्न न हो। बिना अनुमति के रात 10 बजे के बाद डीजे बजाना कानूनी अपराध है। यदि किसी कार्यक्रम में रात 10 बजे के बाद डीजे बजता है, तो डीजे संचालक, बैक्वेट हॉल के मालिक और आयोजक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही डीजे को भी जब्त किया जाएगा।


ध्वनि प्रदूषण का प्रभाव

पर्यावरण पर असर:


एसपी हेमेंद्र कुमार मीणा ने कहा कि नियमों का पालन न करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत सजा हो सकती है। शादी समारोह और अन्य खुशी के अवसरों पर ऐसा कोई कार्य न करें जिससे दूसरों को परेशानी हो। ध्वनि प्रदूषण के कई दुष्परिणाम होते हैं, जैसे रक्तचाप बढ़ना और सुनने की क्षमता में कमी। यह न केवल मनुष्यों पर, बल्कि पशु-पक्षियों के जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। ध्वनि प्रदूषण मनुष्य के व्यवहार और मानसिक स्थिति पर भी विपरीत असर डालता है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ ध्वनि प्रदूषण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।