रैपिडो पर 10 लाख रुपये का जुर्माना, भ्रामक विज्ञापनों के लिए CCPA की कार्रवाई
रैपिडो को मिला बड़ा जुर्माना
नई दिल्ली: बाइक-टैक्सी सेवा प्रदाता रैपिडो को भ्रामक विज्ञापन चलाने के कारण केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने 10 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। प्राधिकरण ने कंपनी को निर्देश दिया है कि वह न केवल अपने भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत बंद करे, बल्कि प्रभावित ग्राहकों को वास्तविक कैशबैक राशि भी लौटाए।
विज्ञापनों का विवाद
रैपिडो ने शहरी क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए "गारंटीड ऑटो", "5 मिनट में ऑटो" और "₹50 कैशबैक" जैसे आकर्षक विज्ञापनों का सहारा लिया। इन विज्ञापनों के चलते बड़ी संख्या में उपभोक्ता सेवा का उपयोग करने लगे, लेकिन उन्हें वादे के अनुसार सेवाएं नहीं मिलीं। इस कारण से जून 2024 से कंपनी के खिलाफ शिकायतों की बाढ़ आ गई।
कैशबैक में धोखा
जांच में यह पाया गया कि "₹50 कैशबैक" ऑफर में गंभीर गड़बड़ी थी। CCPA ने देखा कि रैपिडो इसे नकद कैशबैक के रूप में प्रचारित कर रहा था, जबकि ग्राहकों को असली पैसे के बजाय 'कॉइन्स' दिए जा रहे थे। ये कॉइन्स केवल अगली राइड के लिए उपयोग किए जा सकते थे और उनकी वैधता केवल 7 दिनों की थी। इसे उपभोक्ताओं के साथ धोखा और अनुचित व्यापार व्यवहार माना गया।
शिकायतों का समाधान न होना
उपभोक्ताओं ने बार-बार शिकायतें कीं कि रैपिडो न तो समय पर राइड उपलब्ध कराता है और न ही कैशबैक देता है। इसके अलावा, ड्राइवरों के व्यवहार और रिफंड न मिलने से संबंधित शिकायतें भी थीं, जिनका समाधान नहीं किया गया।
CCPA का कड़ा निर्णय
इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए, CCPA ने स्पष्ट किया कि रैपिडो ग्राहकों को गुमराह कर रहा है। इसके परिणामस्वरूप, प्राधिकरण ने कंपनी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और कई कड़े निर्देश जारी किए। इनमें रैपिडो को अपने सभी भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत रोकने, प्रभावित ग्राहकों को असली ₹50 का कैशबैक लौटाने, और 15 दिनों के भीतर आदेश का पालन करने की रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया गया है। CCPA का यह निर्णय उन सभी कंपनियों के लिए एक कड़ा संदेश है जो झूठे वादों और छिपी हुई शर्तों के जरिए उपभोक्ताओं को लुभाने का प्रयास करती हैं।