रॉबर्ट वाड्रा ने उठाए प्रदूषण और बेरोजगारी के मुद्दे, प्रियंका गांधी को लेकर भी की चर्चा
नई दिल्ली में रॉबर्ट वाड्रा की चिंताएं
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने देश में बढ़ते प्रदूषण, बेरोजगारी और महिलाओं की सुरक्षा को प्रमुख चुनौतियों के रूप में पेश किया। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर प्राथमिकता से चर्चा और समाधान आवश्यक है। उनका मानना है कि आम जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना उचित नहीं है।
आम नागरिकों की प्राथमिकताएं
वाड्रा ने कहा कि यदि आम लोगों से बात की जाए, तो उनकी मुख्य चिंताएं धार्मिक या राजनीतिक बहसें नहीं होतीं, बल्कि रोजगार, स्वच्छ हवा और महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दे होते हैं। उन्होंने सरकार और संसद से आग्रह किया कि इन विषयों पर गंभीरता से विचार किया जाए ताकि लोगों को वास्तविक राहत मिल सके।
देश के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश या अन्य देशों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा बाद में की जा सकती है, लेकिन पहले देश के भीतर की समस्याओं का समाधान करना आवश्यक है। वाड्रा के अनुसार, भारत में यह महत्वपूर्ण है कि पहले अपने घर को ठीक किया जाए। जब तक हमारे नागरिक सुरक्षित और स्वस्थ नहीं होंगे, तब तक अंतरराष्ट्रीय चर्चाओं का कोई महत्व नहीं रह जाता।
प्रियंका गांधी को लेकर बढ़ती मांगें
प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की मांगों पर प्रतिक्रिया देते हुए वाड्रा ने कहा कि उन्हें कई स्थानों से यह सुनने को मिल रहा है कि प्रियंका को आगे आना चाहिए। कुछ लोग उनसे राजनीति में आने की भी मांग कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि फिलहाल सबसे जरूरी काम जनता से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देना है, न कि राजनीतिक पदों की चर्चा करना।
दिल्ली का प्रदूषण गंभीर चिंता का विषय
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर वाड्रा ने गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राजधानी में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक हो चुका है और इस पर संसद में गंभीर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रदूषण के कारण वह खुद भी बाहर निकलने से बचते हैं और लोगों को सलाह देते हैं कि इस स्थिति में दौड़ने या साइकिल चलाने जैसी गतिविधियों से परहेज करें।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता
वाड्रा ने सुझाव दिया कि यदि देश के भीतर प्रदूषण से निपटने के प्रभावी उपाय नहीं मिल रहे हैं, तो अन्य देशों से सीखने या अंतरराष्ट्रीय सहयोग लेने में कोई हर्ज नहीं है। उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए वैश्विक अनुभवों का लाभ उठाया जा सकता है।
संसद में प्रदूषण पर चर्चा का अभाव
उन्होंने यह भी कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए थी, लेकिन सत्र के स्थगित होने के कारण यह संभव नहीं हो सका। उनका मानना है कि प्रदूषण जैसी समस्या को नजरअंदाज करना भविष्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
भाईचारे और देश की सेहत की कामना
रॉबर्ट वाड्रा ने देशवासियों को क्रिसमस की शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने कहा कि उन्होंने पूरे देश में भाईचारे, शांति और देश की बेहतर सेहत के लिए प्रार्थना की है। वाड्रा के अनुसार, जब तक देश के लोग स्वस्थ और सुरक्षित नहीं होंगे, तब तक विकास की बात अधूरी रहेगी।