लखनऊ में अवैध कॉल सेंटर पर कार्रवाई, अमेरिकी नागरिकों को किया जा रहा था टारगेट
अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़
नई दिल्ली। यूएस एम्बेसी ने बुधवार को जानकारी दी कि भारतीय और अमेरिकी एजेंसियां मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को समाप्त करने और भविष्य में होने वाले धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए प्रयासरत हैं। यह घोषणा लखनऊ में एक अवैध कॉल सेंटर पर की गई कार्रवाई के बाद की गई, जो अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना रहा था। यूएस एम्बेसी ने एक पोस्ट में बताया कि भारत के सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने इस कॉल सेंटर को बंद कर दिया है और एक प्रमुख संदिग्ध को गिरफ्तार किया है।
यूएस एम्बेसी ने कहा कि समन्वित खुफिया और निर्णायक कार्रवाई के माध्यम से, हमारी एजेंसियां भविष्य में होने वाले धोखाधड़ी के मामलों को रोकने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होकर काम कर रही हैं। सीबीआई ने 24 सितंबर, 2024 को एक मामला दर्ज किया था और संदिग्ध के ठिकानों पर छापेमारी की थी। सितंबर 2024 में, एजेंसी ने पुणे, हैदराबाद और विशाखापत्तनम में चार अवैध कॉल सेंटरों को बंद किया।
सीबीआई ने बताया कि एक मुख्य संदिग्ध, जो पुणे और विशाखापत्तनम में एक अवैध कॉल सेंटर VC Infrometrix Pvt.Ltd का संचालन कर रहा था, फरार था। उसे पकड़ने के लिए सीबीआई ने पुणे के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से वारंट प्राप्त किया। संदिग्ध को 20 नवंबर 2025 को लखनऊ में उसके निवास से गिरफ्तार किया गया। तलाशी के दौरान, एजेंसी को 14 लाख रुपये नकद, मोबाइल फोन और आपराधिक गतिविधियों से संबंधित दस्तावेज मिले। इसके अलावा, लखनऊ में एक अन्य अवैध कॉल सेंटर का भी भंडाफोड़ किया गया, जो अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना रहा था। इस कॉल सेंटर से 52 लैपटॉप बरामद किए गए, जिनका उपयोग साइबर अपराध नेटवर्क के संचालन में किया जा रहा था। सीबीआई ने कहा कि जांच जारी है।