लखनऊ में अवैध धर्मांतरण के आरोप में छांगुर बाबा की गिरफ्तारी
जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की गिरफ्तारी
जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की गिरफ्तारी: यूपी एटीएस ने लखनऊ में अवैध धर्मांतरण के मामले में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को गिरफ्तार किया है। उन पर अवैध धर्मांतरण का आरोप लगाया गया है। बलरामपुर जिले के उतरौला थाना क्षेत्र के मधपुर निवासी नसरीन और अन्य संदिग्ध व्यक्तियों के गिरोह के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ सामने आई हैं। आरोप है कि इस गिरोह ने विदेशी फंडिंग के माध्यम से एक साल में करोड़ों रुपये की संपत्ति जैसे शोरूम, बंगला और लग्जरी कारें खरीदी हैं।
धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया
जांच में यह पता चला है कि जमालुद्दीन पिछले तीन-चार वर्षों से बलरामपुर में निवास कर रहा था। मुंबई का नवीन घनश्याम अपनी पत्नी नीतू रोहरा और बेटी समाले रोहरा के साथ उसी पते पर रहता था। तीनों मूल रूप से सिंधी हैं, जिन्हें छांगुर बाबा ने धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया।
शिज्र-ए-तैय्यबा के माध्यम से धर्म परिवर्तन
धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया
इस्लाम अपनाने के बाद, तीनों ने अपने नाम बदलकर जमालुद्दीन, नसरीन और सबीहा रख लिए। छांगुर बाबा चांद औलिया दरगाह के पास माधपुर गांव में उनके साथ रह रहा है। उसने शिज्र-ए-तैय्बा नामक एक पुस्तक भी प्रकाशित की है, जिसके माध्यम से ये लोग इस्लाम का प्रचार करते हैं।
प्रेम जाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन
प्रेम जाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन
अबू अंसारी ने लखनऊ की गुंजा गुप्ता को हिंदू नाम रखकर और अमित बनकर धोखे से प्रेम जाल में फंसाया। उसे छांगुर शाह की दरगाह पर ले जाकर नीतू उर्फ नसरीन और नवीन उर्फ जमालुद्दीन ने उसका ब्रेनवॉश किया और इस्लाम धर्म कबूल करवा दिया। गुंजा का नाम अब अलीना अंसारी रखा गया है।
धर्म परिवर्तन के लिए तय रेट
धर्म परिवर्तन के लिए तय रेट
हिंदू धर्म की ब्राह्मण, सरदार या क्षत्रिय लड़की को इस्लाम धर्म कबूल करवाने के लिए पंद्रह से सोलह लाख रुपये, पिछड़ी जाति की लड़की के लिए दस से बारह लाख रुपये और अन्य जातियों की लड़कियों के लिए आठ से दस लाख रुपये की राशि तय की गई थी।
गिरोह की गतिविधियाँ
गिरोह के सदस्यों ने की 40 बार इस्लामिक देशों की यात्रा
यूपी एटीएस को जानकारी मिली है कि गिरोह के सदस्य लगभग 40 बार इस्लामिक देशों की यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने अपने नाम से और विभिन्न संगठनों के नाम से 40 से अधिक बैंक खाते खोले हैं, जिनमें करीब 100 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है।
गरीबों को निशाना बनाना
इस गिरोह का मुख्य उद्देश्य गरीब और असहाय लोगों को लालच देकर या मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करना था। गिरोह के प्रमुख सदस्य छांगुर बाबा, महबूब, पिंकी हरिजन, हाजिरा शंकर, आमीन रिजवी (कथित पत्रकार), सगीर और नीतू रोहरा गरीबों को टारगेट करते हैं और न मानने पर उन पर मुकदमा दर्ज करने का दबाव बनाते हैं।