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लखनऊ में भूमि और संपत्ति की कीमतों में वृद्धि, नए सर्किल रेट लागू

लखनऊ में भूमि और संपत्ति की कीमतों में वृद्धि की घोषणा की गई है, जिसमें नए डीएम सर्किल रेट लागू होंगे। कृषि भूमि, व्यावसायिक संपत्तियों और बहुमंजिला भवनों की दरों में बढ़ोतरी की गई है। इस बदलाव के तहत, दुकानों और कार्यालयों की दरों में भी वृद्धि की गई है। यदि आपत्ति या सुझाव देना चाहते हैं, तो 2 से 17 जुलाई के बीच संबंधित कार्यालयों में संपर्क करें। जानें इस नए रेट के बारे में और अधिक जानकारी के लिए पढ़ें।
 

लखनऊ में संपत्ति खरीदना होगा महंगा


लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अब जमीन, मकान और दुकान खरीदना महंगा होने जा रहा है। 10 साल बाद नया डीएम सर्किल रेट (New DM Circle Rate) जारी किया गया है, जो एक अगस्त से लागू होगा। इस नए रेट में कृषि भूमि पर 15%, व्यावसायिक संपत्तियों पर 25% और बहुमंजिला भवनों पर 20% तक की वृद्धि की गई है। इसके अलावा, दुकानों, कार्यालयों और गोदामों की दरों में औसतन 20% की बढ़ोतरी की गई है।


पिछली बार 2015 में जब नए सर्किल रेट की घोषणा की गई थी, तब कृषि भूमि पर 15%, व्यावसायिक संपत्तियों पर 25% और बहुमंजिला भवनों पर 20% की वृद्धि की गई थी। उस समय कुछ स्थानों पर दुकानों, कार्यालयों और गोदामों की दरें कम थीं, जिसे इस बार सुधारने का प्रयास किया गया है। अब उन स्थानों पर दरें 40% तक बढ़ाई गई हैं, जिससे समानता स्थापित की गई है।


महत्वपूर्ण परिवर्तन


गैर कृषि भूखंडों और भवनों की दरें, यदि उनके चारों ओर कोई व्यावसायिक गतिविधि है, तो 20% बढ़ाई जाएंगी। इसका अर्थ है कि यदि किसी गैर कृषि भूखंड के पास दुकान या गोदाम है, तो खरीदार को 20% अधिक मूल्य चुकाना होगा। यदि कोई इसे बेचेगा, तो भूमि का मूल्यांकन निर्धारित गैर कृषि दर से 50% बढ़ाकर किया जाएगा। कृषि भूमि में फलदार और बिना फलदार वृक्षों की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।


आपत्ति दर्ज कराने का अवसर


प्रस्तावित दरों पर सुझाव और आपत्तियां 2 से 17 जुलाई के बीच सुबह 10 से 5 बजे तक सभी उप निबंधक कार्यालयों और सहायक महानिरीक्षक निबंधन के कार्यालय में दी जा सकती हैं। इसके अलावा, आप ई-मेल के माध्यम से भी अपनी आपत्तियां भेज सकते हैं। निस्तारण 27 जुलाई तक किया जाएगा।


जिलाधिकारी विशाख जी ने बताया कि पिछले दशक में शहर में बड़े पैमाने पर विकास हुआ है। सड़कें भी बेहतर की गई हैं। सभी आपत्तियां या सुझाव मेल के जरिए या संबंधित अधिकारी के कार्यालय में सीधे दिए जा सकते हैं।