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लद्दाख में तनाव: जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर उठाए सवाल

लद्दाख में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं, जहां लोग केंद्र शासित प्रदेश को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि लद्दाख के लोगों के भूमि और रोजगार के अधिकार खतरे में हैं। उन्होंने स्थानीय प्रशासन के नियंत्रण और चीन के साथ संबंधों पर भी चिंता जताई। इसके साथ ही, उन्होंने चार युवकों की हत्या की न्यायिक जांच की मांग की है। जानें पूरी कहानी में क्या है।
 

लद्दाख में हालात तनावपूर्ण

नई दिल्ली। 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा के बाद लद्दाख में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। यहां के निवासी केंद्र शासित प्रदेश को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। इसी संदर्भ में कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर तीखा हमला किया है।


जयराम रमेश का बयान

जयराम रमेश ने कहा कि लद्दाख के लोगों की पीड़ा और गुस्सा सरकार की अंतरात्मा को झकझोरना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि लद्दाख के निवासियों के भूमि और रोजगार के अधिकार खतरे में हैं। स्थानीय प्रशासन का पूरा नियंत्रण उपराज्यपाल और नौकरशाही के हाथों में है। उन्होंने यह भी कहा कि जब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, तब लोगों की बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन अब निराशा और असंतोष का माहौल है। चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर एकतरफा बदलाव किए हैं, और प्रधानमंत्री ने 19 जून 2020 को चीन को क्लीन चिट दी थी, जिससे स्थिति और भी अस्थिर हुई है।


सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व

उन्होंने यह भी कहा कि लद्दाख सांस्कृतिक, आर्थिक, पारिस्थितिक और रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है और यहां के लोग हमेशा से गर्वित भारतीय रहे हैं। सरकार को केवल बैठकों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए।


न्यायिक जांच की मांग

विरोध प्रदर्शन में चार युवकों की हत्या की न्यायिक जांच हो