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लाडली बहन योजना में अनियमितताएं: 26 लाख अपात्र लाभार्थियों को 4800 करोड़ का भुगतान

महाराष्ट्र की मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना में 26 लाख अपात्र लाभार्थियों के कारण सरकार को 4800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। महिला एवं बाल कल्याण मंत्री आदिती तटकरे ने इस योजना में अनियमितताओं का खुलासा किया है, जिसमें पुरुषों द्वारा महिलाओं के नाम पर धोखाधड़ी और अन्य गड़बड़ियां शामिल हैं। जून से इन अपात्र लाभार्थियों का भुगतान रोक दिया गया है। जानें इस मामले में आगे क्या कार्रवाई की जाएगी।
 

मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना की अनियमितताएं

विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना ने महायुति सरकार को सत्ता में लाने में मदद की, लेकिन इस योजना में अपात्र लाभार्थियों के कारण सरकार को लगभग 5000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस योजना के तहत कुल 2 करोड़ 52 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया, जिनमें से 26 लाख 34 हजार महिलाएं विभिन्न कारणों से अपात्र पाई गईं। पिछले एक वर्ष में इन अपात्र लाभार्थियों को 4800 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।


महिला एवं बाल कल्याण मंत्री का बयान

महिला एवं बाल कल्याण मंत्री आदिती तटकरे ने ट्विटर पर अपात्र लाभार्थियों की संख्या का खुलासा किया। फड़नवीस के मुख्यमंत्री बनने के बाद लाडली बहन योजना के लाभार्थियों की जांच का निर्णय लिया गया, जिसमें अन्य विभागों से जानकारी प्राप्त की गई। इस जांच में यह सामने आया कि 26 लाख 34 हजार महिलाएं अपात्र हैं।


योजना में गड़बड़ियों का खुलासा

मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना की जांच में कई अनियमितताएं उजागर हुईं:



  • 14,298 पुरुषों ने महिलाओं के नाम का उपयोग कर 27 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की।

  • कई परिवारों में एक से अधिक महिलाएं इस योजना का लाभ लेती पाई गईं।

  • 65 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलना चाहिए था, फिर भी लाखों ने इसका लाभ उठाया।

  • कुछ लाभार्थी सरकारी नौकरी कर रहे थे, फिर भी उन्होंने इस योजना का लाभ लिया।


जून से अपात्र लाभार्थियों को रोक दिया गया भुगतान

जून महीने से 26 लाख 34 हजार अपात्र लाभार्थियों का भुगतान रोक दिया गया है। इस मामले पर महिला एवं बाल कल्याण मंत्री आदिती तटकरे ने कहा कि सरकार को यह तय करना है कि अपात्र लाभार्थियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए और क्या उनसे राशि वापस ली जाए। इस पर निर्णय मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ चर्चा के बाद लिया जाएगा।