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लाल किला विस्फोट: डॉ. उमर का विवादास्पद वीडियो और आतंकवादी मॉड्यूल का खुलासा

लाल किला परिसर में हाल ही में हुए कार बम विस्फोट के बाद डॉ. उमर का एक विवादास्पद वीडियो सामने आया है, जिसमें वह आत्मघाती हमले की अवधारणा को चुनौती देता है। जांचकर्ताओं का मानना है कि यह विस्फोट एक आकस्मिक घटना थी, जबकि उमर एक कट्टरपंथी मॉड्यूल का हिस्सा था। इस लेख में जानें उमर की पृष्ठभूमि, उसके आतंकवादी कनेक्शन और विस्फोट के बाद की स्थिति के बारे में।
 

नई दिल्ली में कार बम विस्फोट की जांच में नया मोड़


नई दिल्ली: हाल ही में लाल किला परिसर के निकट हुए कार बम विस्फोट के बाद जांचकर्ताओं को एक ऐसा वीडियो मिला है जिसने उनकी चिंताओं को और बढ़ा दिया है। इस वीडियो में डॉ. उमर उन नबी एक युवक से अंग्रेजी में बात करते हुए यह दावा करते हैं कि आत्मघाती हमले की अवधारणा को गलत तरीके से समझा गया है। उमर के अनुसार, यह कोई आत्मघाती कार्य नहीं है, बल्कि एक शहादत अभियान है, जो हमलावर की मानसिकता को दर्शाता है। उल्लेखनीय है कि इस विस्फोट में 14 लोगों की जान गई।


जांच में नया मोड़

लाल किला धमाके की जांच कर रही एजेंसियों का मानना है कि 10 नवंबर का विस्फोट एक आकस्मिक घटना थी, न कि किसी बड़े हमले की योजना का हिस्सा। अधिकारियों के अनुसार, आत्मघाती हमले की असली योजना भविष्य के लिए बनाई गई थी, और यह वीडियो संभवतः उसी प्रोपेगैंडा का हिस्सा है।


वीडियो में उमर यह बताता है कि शहादत ऑपरेशन वह स्थिति है जब व्यक्ति मानता है कि उसकी मृत्यु एक निश्चित समय और स्थान पर होगी, और वह उसी विश्वास के साथ अपने मिशन को अंजाम देता है। उसके अनुसार, यह ऑपरेशन धार्मिक विचारधारा से प्रेरित है, चाहे इसके खिलाफ बहस और विरोध क्यों न हो।




कट्टरपंथी मॉड्यूल का हिस्सा

जांच में यह भी सामने आया है कि उमर फरीदाबाद में एक सफेदपोश आतंकवादी मॉड्यूल का प्रमुख सदस्य था, जो पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ है। इस मॉड्यूल में नौ से दस सदस्य शामिल थे, जिनमें से कई डॉक्टर थे। ये सभी अल-फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े थे और अपने मेडिकल ज्ञान का उपयोग विस्फोटकों की रासायनिक सामग्री खरीदने में कर रहे थे।


दहशत में पुरानी दिल्ली

10 नवंबर को लाल किले के पास हुए इस विस्फोट ने पुरानी दिल्ली के भीड़भाड़ वाले इलाके में भारी अफरा-तफरी मचा दी। धमाका इतना तेज था कि आसपास की कई दुकानों के शटर और सामने के हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए। इस हादसे में 14 लोगों की मौत हुई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए।


कौन है डॉ. उमर?

डॉ. उमर पुलवामा के कोइल गांव का निवासी था। परिवार के सदस्यों के अनुसार, वह एक शांत, अंतर्मुखी और पढ़ाई में डूबा रहने वाला व्यक्ति था। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में उसका व्यवहार काफी बदल गया था।


पुलिस के अनुसार, 30 अक्टूबर से वह विश्वविद्यालय से गायब हो गया था और नियमित रूप से फरीदाबाद और दिल्ली के बीच यात्रा कर रहा था। उसे रामलीला मैदान और सुनहरी मस्जिद के आसपास की मस्जिदों में भी देखा गया।


छापेमारी के बाद लापता

फरीदाबाद में एक बड़े गोदाम से 2,900 किलो अमोनियम नाइट्रेट मिलने और मॉड्यूल के कुछ सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद उमर अचानक गायब हो गया। पुलिस का मानना है कि वह धौज गांव के पास कहीं छिपा हुआ है और उसने अपने सभी मोबाइल फोन बंद कर दिए हैं।


विदेश कनेक्शन की भी पुष्टि

रिपोर्ट के अनुसार, जांच में यह भी सामने आया है कि उमर और मॉड्यूल के एक अन्य सदस्य डॉ. मुजम्मिल गनई तुर्की की यात्रा कर चुके थे, जहां उनके विदेशी संचालकों के सक्रिय होने का संदेह है।