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लाल किले में ब्लास्ट: डॉ. शाहीन का व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का खुलासा

लाल किले में हुए विस्फोट की जांच में डॉ. शाहीन के व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का खुलासा हुआ है। उसने एक विस्तृत नेटवर्क तैयार किया था, जिसमें कई मुस्लिम डॉक्टर शामिल थे। जांच में यह भी सामने आया है कि उसका संपर्क पाकिस्तान सेना में तैनात एक डॉक्टर से था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संदिग्धों की सूची केंद्रीय एजेंसियों को सौंपी है, जिससे जांच में तेजी आई है। जानें इस मामले में और क्या खुलासे हो सकते हैं।
 

जांच में सामने आया बड़ा खुलासा


नई दिल्ली : लाल किले में हुए विस्फोट की जांच में यह बात सामने आई है कि इसका संबंध एक 'व्हाइट कॉलर टेरर' मॉड्यूल से है, जिसका संचालन डॉ. शाहीन द्वारा किया जा रहा था। जांच में यह भी पता चला है कि उसने देश और विदेश में एक विस्तृत नेटवर्क स्थापित किया था। इसमें कई उच्च शिक्षा प्राप्त मुस्लिम युवा डॉक्टर शामिल थे, जिनमें मेडिकल और तकनीकी क्षेत्र के युवा भी शामिल थे।


पाकिस्तान सेना के डॉक्टर से संपर्क

डॉ. शाहीन का नेटवर्क
सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन ने सोशल मीडिया और पेशेवर नेटवर्क के माध्यम से युवाओं से संपर्क किया। धीरे-धीरे, उसने उन्हें अपने नेटवर्क में शामिल कर संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए प्रेरित किया। जांच में यह भी सामने आया कि उसका एक डॉक्टर से संपर्क था, जो पाकिस्तान सेना में तैनात था और उसे मार्गदर्शन प्रदान कर रहा था। यह सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।


संदिग्धों की सूची केंद्रीय एजेंसियों को सौंपी गई

जम्मू-कश्मीर पुलिस की कार्रवाई
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मॉड्यूल से जुड़े कई संदिग्धों की सूची केंद्रीय एजेंसियों को सौंप दी है, जिसके बाद जांच में तेजी आई है। डॉ. शाहीन देश छोड़ने की योजना बना रही थी, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता ने उसकी योजना को विफल कर दिया।


सहारनपुर और फरीदाबाद का उपयोग

आत्मघाती हमले की तैयारी
जांच में यह भी सामने आया कि डॉ. शाहीन सहारनपुर और फरीदाबाद को अपने ठिकाने के रूप में इस्तेमाल कर रही थी और नई दिल्ली में एक बड़े हमले की योजना बना रही थी। एजेंसियों को डिजिटल सबूत मिले हैं, जिनमें राजधानी को निशाना बनाने की रणनीति का उल्लेख है।


डॉ. परवेज और डॉ. आरिफ मीर का नाम

संभावित संलिप्तता की जांच
इस नेटवर्क में डॉ. परवेज और डॉ. आरिफ मीर के नाम भी शामिल हैं। उनकी भूमिका अभी स्पष्ट नहीं है कि वे केवल संपर्क में थे या किसी सक्रिय साजिश का हिस्सा थे। एजेंसियां उनकी वित्तीय गतिविधियों, कॉल डिटेल्स और यात्रा की गहन जांच कर रही हैं।


व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल की संवेदनशीलता

जांच की गंभीरता
सुरक्षा एजेंसियां इस नेटवर्क को 'व्हाइट कॉलर' इसलिए कह रही हैं क्योंकि इसमें समाज में प्रतिष्ठित और शिक्षित डॉक्टर शामिल हैं। यही कारण है कि यह जांच बेहद संवेदनशील है और आने वाले दिनों में और भी महत्वपूर्ण खुलासे होने की संभावना है।