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लालू परिवार में संजय यादव को लेकर बढ़ता विवाद

बिहार में लालू प्रसाद यादव के परिवार में संजय यादव को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है। रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर संजय के खिलाफ तीखे शब्दों में अपनी बात रखी है। यह विवाद तेजस्वी की 'बिहार अधिकार यात्रा' से शुरू हुआ और अब परिवार की एकता पर सवाल खड़ा कर रहा है। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और परिवार के सदस्यों की प्रतिक्रियाएँ।
 

बिहार में लालू परिवार की अंदरूनी कलह

बिहार समाचार: लालू प्रसाद यादव के परिवार में हालात ठीक नहीं हैं। तेजस्वी यादव के करीबी सलाहकार संजय यादव के प्रति परिवार के सदस्यों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। हाल ही में, लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर संजय के खिलाफ तीखे शब्दों में अपनी बात रखी। उन्होंने कई पोस्ट साझा किए हैं।


यह विवाद तेजस्वी की 'बिहार अधिकार यात्रा' के दौरान शुरू हुआ, जब संजय की सीटिंग को लेकर सवाल उठे। अब यह परिवार की एकता पर सवाल खड़ा कर रहा है। रोहिणी आचार्य, जिन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में सारण से आरजेडी की टिकट पर चुनाव लड़ा था और हार गई थीं, ने एक वीडियो साझा किया। यह वीडियो उनके किडनी ट्रांसप्लांट के समय स्ट्रेचर पर जाने का था।




वीडियो के साथ रोहिणी ने लिखा, "जो लोग अपनी जान हथेली पर रखकर कुर्बानी देते हैं, उनकी रगों में बेखौफी, बेबाकी और खुद्दारी दौड़ती है।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है, लेकिन "आत्मसम्मान सर्वोपरि है।"


क्या संजय यादव के कारण बंट रहा है लालू परिवार?


यह पहली बार नहीं है जब संजय यादव परिवार के निशाने पर आए हैं। लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव, जिन्हें मई 2025 में एक विवादास्पद वीडियो के बाद परिवार और पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया गया था, संजय को 'जयचंद' करार देते रहे हैं। तेज प्रताप की सोशल मीडिया पोस्ट्स में अक्सर 'गद्दारों' का जिक्र संजय की ओर इशारा करता है। मई में हुई इस घटना के बाद रोहिणी ने अपने पिता का समर्थन किया था और कहा था, "पापा हमारे लिए भगवान समान हैं, परिवार हमारा मंदिर है।" लेकिन अब रोहिणी का यह नया रुख परिवार में नई दरार पैदा कर रहा है।


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद संजय यादव की बढ़ती भूमिका से उपजा है। हरियाणा के मूल निवासी 41 वर्षीय संजय तेजस्वी के पुराने दोस्त हैं और आगामी विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। लालू परिवार के कुछ सदस्य मानते हैं कि संजय बाहरी व्यक्ति के रूप में परिवार के हितों को नजरअंदाज कर रहे हैं।