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ली जे-म्यांग: साउथ कोरिया के नए राष्ट्रपति की प्रेरणादायक कहानी

ली जे-म्यांग, साउथ कोरिया के नए राष्ट्रपति, ने हाल ही में एक आकस्मिक चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की। उनके जीवन में कई कठिनाइयाँ आईं, जिसमें चाइल्ड लेबर के रूप में काम करना और आत्महत्या की कोशिशें शामिल हैं। उन्होंने सियोल के मेयर के रूप में भी आठ साल तक सेवा की। उनकी कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह साउथ कोरिया में राजनीतिक बदलाव का प्रतीक भी है। जानें उनके जीवन के बारे में और कैसे उन्होंने यह सफलता प्राप्त की।
 

ली जे-म्यांग कौन हैं?

साउथ कोरिया की लिबरल पार्टी के उम्मीदवार ली जे-म्यांग ने हाल ही में एक आकस्मिक चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की है, जिससे वे देश के नए राष्ट्रपति बन गए हैं। छह महीने पहले, उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति यून सूक योल द्वारा लागू किए गए मार्शल लॉ के खिलाफ मतदान किया था, जिसके परिणामस्वरूप यून को पद से हटा दिया गया। इस जीत ने एशिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में राजनीतिक बदलाव की एक नई शुरुआत की है। आइए जानते हैं साउथ कोरिया के नए राष्ट्रपति ली जे-म्यांग के जीवन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें।


जीवन की कठिनाइयाँ और आत्महत्या की कोशिश

ली जे-म्यांग, जो अब 60 वर्ष के हैं, ने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया है। वे एक चाइल्ड लेबर रह चुके हैं और जीवन की परेशानियों के कारण दो बार आत्महत्या करने की कोशिश भी कर चुके हैं। उनके पिता कचरा इकट्ठा करने का काम करते थे, जिससे परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल था। आर्थिक तंगी के कारण, उन्होंने स्कूल छोड़कर एक कारखाने में काम करना शुरू किया, जहां एक हादसे में उनकी कोहनी में चोट लग गई।


सियोल के मेयर के रूप में कार्यकाल

इसके बाद, ली ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और कड़ी मेहनत से लॉ की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप प्राप्त की। उन्होंने वकील बनने के लिए बार एग्जाम पास किया। ली ने अपनी कहानी को आम लोगों के साथ साझा किया और खुद को उनके साथ जोड़ा। इससे पहले, वे सियोल के दक्षिण में सेओंगनाम के मेयर के रूप में आठ साल तक कार्यरत रहे।


ली जे-म्यांग का भविष्य

ली जे-म्यांग की जीत ने न केवल उनके लिए, बल्कि साउथ कोरिया के लिए भी एक नई दिशा दिखाई है। उनके नेतृत्व में देश में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।