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लुधियाना में डॉक्टरों की लापरवाही: जिंदा नवजात को दो बार मृत घोषित किया गया

पंजाब के लुधियाना में एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां एक नवजात बच्चे को दो बार मृत घोषित किया गया। परिवार ने जब बच्चे को दफनाने का प्रयास किया, तब उन्हें पता चला कि बच्चा जीवित है। इस घटना ने अस्पताल की चिकित्सा प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अस्पताल की प्रतिक्रिया।
 

लुधियाना में नवजात की लापरवाही से मौत का मामला

लुधियाना - पंजाब के लुधियाना में एक निजी अस्पताल के चिकित्सकों की गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां डॉक्टरों ने एक नवजात बच्चे को मृत घोषित कर दिया, जबकि परिवार को दफनाने के दौरान पता चला कि बच्चा जीवित है।


आशु नामक युवक ने बताया कि उसकी शादी कुछ साल पहले हुई थी और उसकी पत्नी पायल का इलाज इसी अस्पताल में चल रहा था। शुक्रवार को पायल को लेबर पेन शुरू हुआ, जिसके बाद उसे मेडीसिटी हेल्थ केयर सेंटर में भर्ती कराया गया। यहां महिला डॉक्टर ने डिलीवरी कराई, जिसके बाद आशु को बताया गया कि बच्चा मृत पैदा हुआ है। आशु ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने बच्चे को एक ट्रे में रखकर उन्हें सौंप दिया, जबकि बच्चे पर कोई कपड़ा नहीं था।


जब परिवार बच्चे को दफनाने के लिए ले जाने लगा, तभी उन्हें महसूस हुआ कि बच्चे की सांसें चल रही हैं। तुरंत बच्चे को वापस मेडीसिटी हेल्थ केयर सेंटर लाया गया, लेकिन डॉक्टर ने फिर से उसे मृत बताया। परिवार ने फिर से दफनाने का प्रयास किया, लेकिन एक बार फिर बच्चे की सांसें चलती महसूस हुईं। इस बार परिवार ने बच्चे को सिविल अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया, जहां डॉक्टर ने उसकी जांच की और पाया कि बच्चा जीवित है।


हालांकि, सिविल अस्पताल में इलाज के 40 मिनट बाद बच्चे ने दम तोड़ दिया। आशु का कहना है कि मेडीसिटी हेल्थ केयर सेंटर के डॉक्टर की लापरवाही के कारण उनके बच्चे की जान चली गई। परिवार ने अस्पताल के खिलाफ हंगामा किया और लापरवाही का आरोप लगाया।


मेडीसिटी हेल्थ केयर सेंटर की डॉक्टर सिमरनप्रीत ने कहा कि डिलीवरी पहले ही हो चुकी थी और बच्चा प्री-मैच्योर था। उन्होंने बताया कि जब महिला को अस्पताल लाया गया, तब बच्चेदानी का मुंह खुल चुका था और स्थिति गंभीर थी, इसलिए उन्हें रेफर कर दिया गया था। परिवार ने ले जाने से मना कर दिया।