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लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड: क्रिकेट का ऐतिहासिक केंद्र

लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड, जिसे 'क्रिकेट का मक्का' कहा जाता है, न केवल एक खेल का मैदान है, बल्कि क्रिकेट के इतिहास और परंपरा का प्रतीक भी है। इस लेख में हम लॉर्ड्स से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्यों पर चर्चा करेंगे, जैसे कि इसका स्वामित्व, मैदान की अनोखी ढलान, सम्मान के बोर्ड, और मीडिया सेंटर की अनूठी वास्तुकला। जानें क्यों यह ग्राउंड दुनिया के अन्य स्टेडियमों से अलग है और क्रिकेट प्रेमियों के लिए इसका क्या महत्व है।
 

लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड की विशेषताएँ

लंदन में स्थित लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड को 'क्रिकेट का मक्का' माना जाता है। यह केवल एक खेल का मैदान नहीं है, बल्कि क्रिकेट के इतिहास और परंपरा का प्रतीक है। जब भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट मैच यहां खेला जाएगा, तो आइए जानते हैं लॉर्ड्स से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जो इसे अन्य स्टेडियमों से अलग बनाते हैं।


मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) का स्वामित्व: लॉर्ड्स का स्वामित्व किसी देश या क्रिकेट बोर्ड के पास नहीं है, बल्कि यह प्रतिष्ठित मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) के पास है, जिसकी स्थापना 1787 में हुई थी। यह क्लब क्रिकेट के नियमों को बनाने और उनमें बदलाव करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


मैदान की अनोखी ढलान: लॉर्ड्स के मैदान पर पिच के दोनों छोरों पर एक अनोखी ढलान है। पवेलियन एंड से नर्सरी एंड की ओर यह ढलान लगभग 2.5 मीटर (8 फीट) नीचे की ओर है, जो गेंदबाजों को एक अतिरिक्त लाभ देती है।


सम्मान के बोर्ड: लॉर्ड्स के पवेलियन में 'ऑनर्स बोर्ड्स' हैं, जिन पर उन खिलाड़ियों के नाम सुनहरे अक्षरों में लिखे जाते हैं जिन्होंने टेस्ट मैच में शतक या पांच विकेट लिए हों। यह हर क्रिकेटर का सपना होता है कि उसका नाम इस बोर्ड पर आए।


द मीडिया सेंटर: लॉर्ड्स का जेपी मॉर्गन मीडिया सेंटर अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। इसे एक विशाल अंतरिक्ष यान जैसा दिखता है और यह 1999 क्रिकेट विश्व कप के लिए बनाया गया था।


पवेलियन और सख्त ड्रेस कोड: लॉर्ड्स का पवेलियन एक ऐतिहासिक इमारत है, जहां खिलाड़ियों और सदस्यों के लिए सख्त ड्रेस कोड लागू होता है। पुरुषों को ब्लेज़र और टाई पहनना अनिवार्य है, जो इस स्थल की गरिमा को बढ़ाता है।