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लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने बिहार राजनीति में कदम रखा

लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भाजपा में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा है। उनकी लोकप्रियता और युवा दर्शकों के बीच पहचान ने उन्हें इस दिशा में प्रेरित किया। जानें उनके राजनीतिक सफर के बारे में और किस सीट से वह चुनाव लड़ सकती हैं।
 

मैथिली ठाकुर का राजनीतिक सफर शुरू


जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का समय नजदीक आ रहा है, राज्य का राजनीतिक माहौल और भी गर्म होता जा रहा है। पार्टियाँ अपने उम्मीदवारों के चयन और प्रचार के लिए तैयारियों में जुटी हैं।


इस बीच, एक नई और रोमांचक खबर आई है - प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने आधिकारिक तौर पर राजनीति में कदम रखा है। आइए जानते हैं कि वह किस पार्टी में शामिल हुई हैं और किस सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है।


भाजपा में मैथिली ठाकुर का स्वागत

14 अक्टूबर, 2025 को, मैथिली ठाकुर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की घोषणा की। बिहार भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता प्रदान की। सूत्रों के अनुसार, वह आगामी विधानसभा चुनाव में अलीनगर निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार हो सकती हैं।


भाजपा का मैथिली ठाकुर को पार्टी में शामिल करने का कारण

मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई, 2000 को बिहार के मधुबनी में हुआ। उन्होंने कम उम्र में ही एक लोक गायिका के रूप में पहचान बनाई है। उनकी आवाज़ और भारतीय लोक संगीत के प्रति लगाव ने उन्हें देशभर में एक बड़ा प्रशंसक वर्ग दिया है। भाजपा द्वारा उन्हें राजनीति में लाने का एक मुख्य कारण उनकी युवाओं और ग्रामीण दर्शकों के बीच लोकप्रियता है।


भाजपा नेता से मुलाकात के बाद शुरू हुई अटकलें

हाल ही में, मैथिली ठाकुर की भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े से मुलाकात के बाद उनके राजनीतिक प्रवेश की चर्चा तेज हो गई। तावड़े ने अपने सोशल मीडिया पर मैथिली के साथ एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "लालू के शासनकाल में 1995 में बिहार छोड़ने वाले परिवार की बेटी अब नए बिहार की प्रगति देखने के लिए वापस लौटना चाहती है।"


मैथिली ठाकुर का परिचय

मैथिली ठाकुर एक प्रसिद्ध लोक गायिका हैं, जो पारंपरिक मिथिला गीतों के लिए जानी जाती हैं। मात्र 25 वर्ष की उम्र में, वह मिथिला संस्कृति और विरासत का प्रतीक बन गई हैं। वह वर्तमान में दिल्ली के नजफगढ़ में रहती हैं और अपने संगीत के माध्यम से लाखों प्रशंसकों के साथ जुड़ी हुई हैं।


उनका राजनीति में प्रवेश संगीत से शासन की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है, जो उन्हें बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में संस्कृति और युवाओं की एक सशक्त आवाज़ बना सकता है।