×

वंदे मातरम के 150 वर्ष: पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना

आज लोकसभा में वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक विशेष चर्चा आयोजित की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक क्षण पर अपने विचार साझा किए और कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने वंदे मातरम को स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक बताया और इसके महत्व को रेखांकित किया। जानें इस चर्चा में क्या-क्या हुआ और पीएम मोदी ने क्या कहा।
 

ऐतिहासिक चर्चा का दिन


नई दिल्ली: आज लोकसभा में एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर विशेष चर्चा आयोजित की जा रही है। पहले सप्ताह में संसद में काफी हंगामा हुआ था, लेकिन दूसरे सप्ताह की शुरुआत इस महत्वपूर्ण विषय से हुई। विपक्ष ने SIR मुद्दे पर चर्चा की मांग की, जबकि सरकार ने स्पष्ट किया कि पहले वंदे मातरम पर चर्चा होगी, उसके बाद चुनाव सुधारों पर बहस की जाएगी।


पीएम मोदी का उद्घाटन भाषण

सोमवार को दोपहर 12 बजे के बाद लोकसभा में वंदे मातरम पर विस्तृत चर्चा की शुरुआत हुई। इस महत्वपूर्ण बहस का पहला वक्तव्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया। कांग्रेस की ओर से गौरव गोगोई और प्रियंका गांधी ने चर्चा में भाग लिया। इस विषय पर लगभग 10 घंटे की चर्चा की योजना है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि लोकसभा देर रात तक चलेगी।


वंदे मातरम का महत्व

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा: 'आज हम एक ऐतिहासिक क्षण के साक्षी हैं। वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं है, बल्कि यह स्वतंत्रता आंदोलन को ऊर्जा देने वाला एक प्रतीक है। यह भारत के आत्मसम्मान और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।'


कांग्रेस पर आरोप

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा: 'कांग्रेस के निर्णय ने बंटवारे के बीज बोए और राष्ट्रगीत के टुकड़े कर दिए।' उनका यह बयान उस ऐतिहासिक निर्णय की ओर इशारा करता है जब संविधान सभा ने वंदे मातरम के केवल पहले दो छंद को आधिकारिक रूप से स्वीकार किया था।


वंदे मातरम का ऐतिहासिक संदर्भ

पीएम मोदी ने कहा: 'जब वंदे मातरम 50 वर्ष का हुआ, तब भारत गुलामी में था। इसके 100 वर्ष पूरे होने पर देश आपातकाल की साजिशों में जकड़ा हुआ था। उस समय देशभक्ति के लिए संघर्ष करने वालों को जेल में डाल दिया गया।'


राजनीतिक मंत्र से अधिक

प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया: 'वंदे मातरम केवल राजनीतिक स्वतंत्रता का मंत्र नहीं है। यह मातृभूमि की मुक्ति के लिए समर्पण और संघर्ष का प्रतीक है।'


बंकिम चंद्र चटर्जी को श्रद्धांजलि

पीएम मोदी ने कहा: 'वंदे मातरम के रचयिता बंकिम चंद्र चटर्जी को याद करते हुए, यह गीत 1875 में लिखा गया था। उस समय अंग्रेजों का शासन बौखलाया हुआ था।'


स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा: 'वंदे मातरम ने 1947 में देश को आजादी दिलाई। यह केवल राजनीतिक या धार्मिक भावना नहीं, बल्कि देशवासियों की आत्मा और संकल्प का प्रतीक है।'


2047 का संकल्प

पीएम मोदी ने कहा: 'वंदे मातरम हमें आने वाले समय में आत्मनिर्भर और विकसित भारत बनाने की प्रेरणा देता है।'