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विदिशा में झगड़े के बाद मृतकों को आरोपी बनाने का मामला, पुलिस जांच शुरू

विदिशा जिले के बरेठ गांव में 17 जुलाई को दो समुदायों के बीच झगड़े के बाद दर्ज एफआईआर में मृतकों को आरोपी बनाया गया है। शिकायतकर्ताओं ने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज भी सौंपी है। अब पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है। शिकायतकर्ता ने निष्पक्ष जांच की मांग की है, यह देखना होगा कि पुलिस सच्चाई को उजागर कर पाती है या नहीं।
 

विदिशा के बरेठ गांव में झगड़ा और एफआईआर

17 जुलाई को विदिशा जिले के बरेठ गांव में दो समुदायों के बीच हुए विवाद के बाद दर्ज की गई एफआईआर में जिन व्यक्तियों को आरोपी बताया गया, उनमें से दो पहले ही निधन कर चुके हैं। इसके अलावा, एक अन्य व्यक्ति की घटना के समय लोकेशन घटनास्थल से अलग पाई गई है। इस मामले में शिकायतकर्ताओं ने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध कराई है। अब सब-डिविज़नल पुलिस अधिकारी इस मामले की गहन जांच करेंगे।


घटना का विवरण

बरेठ गांव, जो बासोदा सिटी थाना क्षेत्र में स्थित है, में 17 जुलाई को किसी मुद्दे को लेकर दो समुदायों के बीच झगड़ा हुआ। इसके बाद एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। लेकिन कुछ दिन बाद, दूसरे पक्ष ने यह दावा किया कि एफआईआर में जिन तीन व्यक्तियों के नाम हैं, उनमें से दो की तो पहले ही मृत्यु हो चुकी है और एक व्यक्ति घटना के समय वहां मौजूद नहीं था।


पुलिस की प्रतिक्रिया और शिकायत

शिकायत और पुलिस की प्रतिक्रिया

21 जुलाई को दूसरे पक्ष के लोगों ने विदिशा के पुलिस अधीक्षक से शिकायत की और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को एक आवेदन सौंपा। अतिरिक्त एसपी प्रशांत चौबे ने बताया कि शिकायत में कहा गया है कि एक आरोपी घटना स्थल पर मौजूद नहीं था और उसके पास इसकी सीसीटीवी फुटेज है। इसके साथ ही, दो अन्य आरोपी पहले से मृत हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जांच में शिकायत सही पाई जाती है, तो निर्दोष लोगों को राहत दी जाएगी और असली आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


निष्पक्ष जांच की मांग

न्याय की मांग और निष्पक्ष जांच की उम्मीद

शिकायतकर्ता राजकुमार शर्मा ने कहा कि "इस विवाद में एक निर्दोष व्यक्ति को झूठा फंसाया गया है। दो अन्य आरोपी पहले से मर चुके हैं। इसलिए हम निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर एएसपी के पास आए हैं।" उन्होंने विश्वास जताया कि जांच निष्पक्ष होगी और जिनका इस विवाद से कोई संबंध नहीं है, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। अब यह देखना होगा कि पुलिस जांच के बाद सच्चाई सामने लाकर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करती है या नहीं।