विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्रंप की व्यापार नीति पर उठाए सवाल, भारत के हितों की रक्षा का किया आश्वासन
जयशंकर का बयान: ट्रंप की विदेश नीति का अनोखा तरीका
Jaishankar on Tariff: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी विदेश नीति और व्यापारिक दृष्टिकोण को बहुत स्पष्टता से प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर ट्रंप द्वारा की गई घोषणा, जिसमें टैरिफ को 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया था, उस पर दोनों देशों के बीच कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई थी।
ट्रंप की रणनीति: पारंपरिक ढांचे से अलग
जयशंकर ने इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम 2025 में कहा कि ट्रंप का विदेश नीति को संचालित करने का तरीका पारंपरिक दृष्टिकोण से भिन्न है। उन्होंने कहा, “हमने पहले कभी ऐसा अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं देखा, जिसने अपनी विदेश नीति को इस तरह से सार्वजनिक रूप से चलाया हो। यह बदलाव केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसका प्रभाव है।”
टैरिफ का उपयोग: व्यापारिक मुद्दों पर नई नीति
जयशंकर ने स्वीकार किया कि व्यापारिक और गैर-व्यापारिक मुद्दों पर टैरिफ को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करना ट्रंप प्रशासन की नई नीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि कई बार घोषणाएं पहले सार्वजनिक की जाती हैं और फिर संबंधित पक्षों से चर्चा होती है, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न करती है।
भारत-अमेरिका संबंध: तीन महत्वपूर्ण मुद्दे
जयशंकर ने भारत और अमेरिका के रिश्तों से जुड़े तीन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की। पहला मुद्दा व्यापार वार्ता है, जो अभी भी जारी है, लेकिन भारत की प्राथमिकता अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा करना है।
दूसरा मुद्दा तेल की खरीद से संबंधित है। उन्होंने कहा कि भारत पर रूसी तेल खरीद को लेकर सवाल उठाए जाते हैं, लेकिन चीन या यूरोपीय संघ पर यह तर्क लागू नहीं होते, जबकि वे बड़े आयातक हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिडेन प्रशासन के साथ इस विषय पर कई बार बातचीत हुई थी, जिसके बाद मूल्य सीमा तय की गई।
तीसरा मुद्दा पाकिस्तान से संबंधित है। विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत अपने द्विपक्षीय संबंधों में किसी भी बाहरी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता।
भारत का संतुलित रुख
जयशंकर के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारत, अमेरिका की नई विदेश नीति को समझते हुए अपने हितों की रक्षा के लिए संतुलित दृष्टिकोण अपनाने का प्रयास कर रहा है।