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विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस: एकता और भाईचारे का संदेश

हर साल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाता है, जो 1947 के विभाजन के दौरान हुए दर्द और पीड़ा को याद करने का अवसर है। यह दिन हमें नफरत और हिंसा के परिणामों के बारे में सिखाता है और एकता और भाईचारे का संदेश देता है। इस लेख में विभाजन की करुण कहानी, उसके प्रभाव और इस दिन के महत्व पर चर्चा की गई है। आइए, हम सब मिलकर इस दिन को मनाएं और अपने देश को मजबूत बनाने का संकल्प लें।
 

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस: दर्द और सबक

भारत का इतिहास न केवल गौरवशाली है, बल्कि इसमें कई दुखद पन्ने भी शामिल हैं। 1947 में जब देश को स्वतंत्रता मिली, उसी समय विभाजन ने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया। इस दर्द को याद करने और उससे सीखने के लिए हर साल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमें यह सिखाता है कि नफरत और विभाजन केवल विनाश लाते हैं, और हमें एकता और भाईचारे का महत्व समझाता है।


विभाजन की करुण कहानी

– अरविन्द सीसोदिया


करुण कहानी विभाजन की, हे वीरों तुम्हे पुकारती, जाग उठो अब – जाग उठो अब, बनाओ अखंड भारती। मानवता की चीखें सुनाई दे रही थीं, लेकिन दानवता का राज था। खून से लथपथ दृश्य आज भी याद आते हैं।


पंजाब, बंगाल और सिंध का विभाजन हुआ, भारत माँ को बेदर्दी से काटा गया। उस समय कोई भी सुरक्षित नहीं था, और लोग भयानक परिस्थितियों का सामना कर रहे थे।


महिलाओं पर हुए अत्याचारों की कोई गिनती नहीं थी। कितनी ही माताएं और बहनें अपने घरों से दूर हो गईं।


दर्द था, लेकिन राहत नहीं थी। घाव थे, लेकिन कोई उपचार नहीं था। हर कदम पर संघर्ष था।


यह एक भीषण कहानी है, जो सुनाने में कठिनाई होती है। गांव-गांव वीरान हो गए, और संपत्ति लूट ली गई।


किसी ने भी दया नहीं दिखाई, और सब कुछ लूट लिया गया।


भारत की भूमि ने सभी को अपनाया, लेकिन उसके बेटों को क्यों दुत्कार दिया गया? हर देश को भारत जैसा बनाना चाहिए।


भारत-पाकिस्तान का विभाजन

1947 में भारत और पाकिस्तान दो अलग-अलग राष्ट्र बने। इस दौरान करोड़ों लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। कई परिवार बिखर गए और लोग अपने गांवों को हमेशा के लिए छोड़कर चले गए। धर्म और जाति के नाम पर हिंसा ने मानवता को घायल कर दिया।


यह वह समय था जब मानवता को गहरे जख्म लगे, जिनके निशान आज भी इतिहास में देखे जा सकते हैं।


विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का महत्व

2021 में भारत सरकार ने निर्णय लिया कि हर साल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाएगा। इसका उद्देश्य उस दर्द को याद रखना है जो बंटवारे के दौरान लोगों ने सहा। यह दिन एकता और भाईचारे का संदेश देता है।


इस दिन देशभर में लोग उस समय की कहानियों को याद करते हैं और एकजुटता का संकल्प लेते हैं।


एकता ही देश की ताकत

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पुराने फोटो, दस्तावेज और बंटवारे के पीड़ितों की कहानियां साझा की जाती हैं।


यह दिन हमें सिखाता है कि देश की असली ताकत उसकी एकता, प्यार और शांति में है। आइए, इस 14 अगस्त 2025 को हम सब मिलकर एकजुटता का संदेश फैलाएं और अपने देश को और मजबूत बनाएं।